Saturday 5 January 2019

Telangana-andhra se kuch seekho : तेलंगाना-आंध्र से कुछ सीखो

खरी खरी - 366 : तेलंगाना -आंध्रा से कुछ भी नहीं सीखा हमने ।

       देश का 29वां राज्य तेलंगाना 2 जून 2015 को घोषित हुआ । इसकी राजधानी हैदराबाद घोषित हुयी । आंध्रा के लिए नयी राजधानी अमरावती तय हुयी जिसका निर्माण कार्य जोरों पर है । हमारे राज्य को बने हुए 18 वर्ष हो गए । इस दौरान यहां 8 मुख्यमंत्री बने परंतु राजधानी गैरसैण तय होने के बाद भी अभी तक देहरादून में अटकी है । अभी तक गैरसैण को राजधानी घोषित भी नहीं किया गया है । तेलंगाना में 11 अक्टूबर 2016 को 21 नए जिले भी अस्तित्व में आ गए हैं । उत्तराखंड में 4 जिले घोषित हुए एक अरसा बीत गया परंतु अस्तित्व अभी दूर है । हम कुछ तो तेलंगाना-आंध्र प्रदेश से सीखें । हमें शायद बुसिल ढुंग इसीलिये कहने लगे हैं लोग ।

      क्या गैरसैण राजधानी के लिए एक आंदोलन की आवश्यकता पड़ेगी ? उनका सिंगल इंजन और इनका डबल इंजन शक्तिहीन हो गए हैं । राजधानी की कोई बात ही नहीं करता । अब जनता को सोचना है । पलायन रोकने और उत्तराखंड में विकास को गति देने के लिए राजधानी का गैरसैण कूच नितांत आवश्यक है । राज्य आंदोलन के 42 शहीदों ने भी राजधानी गैरसैण ही तय की थी और इसके लिए अपना बलिदान दिया था । पलायन से विगत 10 वर्षों में करीब 5 लाख लोग राज्य से पलायन कर गए । गैरसैण राजधानी बनती तो पलायन अवश्य थमता । 2019 चुनाव का मुद्दा 'राजधानी गैरसैण' बने तो बात बन सकती है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
06.01.2019

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