खरी खरी - 117 : प्रदूषण से धुंधले दीप
दीपावली के बाद छपा अखबार,
शहर में प्रदूषण की मार,
दीपावली स्वच्छता का त्यौहार,
जहाँ तहाँ कूड़े का अम्बार ।
मैं आपका शहर बोल रहा,
जलन-घुटन का दुखड़ा रो रहा,
न जलाना पटाखे, दीये जलाना,
न रहे प्रदूषण ,अँधेरा मिटाना ।
जहर हवा में बच्चे को बताना,
सिकुड़ता फेफड़ा उसे समझाना,
जगमगाये दीप हरित धरा में,
न जले बारूद, एक पेड़ लगाना ।
एक दीप शहीदों के नाम जलाना
शहीदों के परिवार नहीं भुलाना,
शहीदों के बच्चों से प्यार जताना
शहीद अमर है ऐहसास जताना ।
देखो अपने वीरों का काम,
कर रहे दुश्मन का काम तमाम,
दीपावली पर जले सदा एक दीप,
अपने अमर शहीदों के नाम ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
30.10.2017
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