Friday 20 October 2017

Nyayalay kee avahelana : न्यायालय की अवहेलना

खरी खरी - 112 : कइयों ने की न्यायालय की अवहेलना 

      इस बार दीपावली में उच्चतम न्यायालय ने राजधानी में आतिशबाजी की रोक लगाई थी । इसके बावजूद छोटी दीपावली के दिन बहुत कम लोगों ने आदेश की अवहेलना की  परन्तु 19 अक्टूबर 2017 को बहुत लोगों ने रात 11 बजे तक पटाखे जलाये वह भी बहुत उच्च शोर वाले । आदेश को नहीं मानने वालों ने अपने छोटे छोटे बच्चे भी नहीं देखे ।

       पटाखों का शोर सुनते हुए सोच रहा था कि हमारे समाज में लोग कानून की परवाह क्यों नहीं करते ? राजधानी में पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने के धुएं से घुटन महसूस बहुत पहले से हो रही है । वहां के किसानों ने भी कानून अनसुनी कर दी । भलेही पुलिस अलर्ट थी बताया जा रहा है परंतु पुलिस को लोगों ने नहीं देखा । पुलिस का खौप या डर भी अवहेलना करने वालों को रोक नहीं पाया । ऐसी स्तिथि में जब समाज नें कुछ लोग न्यायालय तक की परवाह नहीं करते तो सरकारी तंत्र को अधिक सुदृढ होना पड़ेगा और समाज-कानून की परवाह नहीं करने वालों से सख्ती से निपटना पड़ेगा ।

     उन सभी नागरिकों को साधुवाद जिन्होंने स्वेच्छा से ही अपने बच्चों को आतिशबाजी से दूर रखा और पटाखे नहीं खरीदे । कुछ ऐसे नवधनाढ्यों ने देर तक आतिशबाजी की जिनके घरों में नवजात शिशु के अलावा अस्थमा पीड़ित वरिष्ठ जन भी थे परन्तु उन्होंने अपनी काली कमाई से कई लोगों के फेफड़ों को काला किया । इन्हें सद्बुद्धि आये यही कामना करते हैं । सभी मित्रों को पुनः दीपावली की शुभकामनाएं ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
20.10.2017

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