Friday 27 October 2017

Kichan romansh : किचन रोमांश

मीठी मीठी -37 : किचन रोमांश : रोमांटिक मोड में चनर दा

(शादी के लड्डू का स्वाद चख चुके मित्रों को कुछ पल के लिए टेंसन फ्री करने की जुगत है यह मीठी मीठी । इसे पढ़कर एक छिपी हुई मिठास महसूस कर सकते हैं आप ।)

     एक दिन मेरे चिर-परिचित मित्र चनर दा को किचन रोमांश का उमेड़ (खलबली) जैसा उठ गया ठैरा। वे किचन में गए जहां  पत्नी चंद्रमुखी (अब भयंकर ज्वालामुखी) चाय बना रही थी । उसके सामने जाकर भिजी बिराउ ( भीगी बिल्ली) जैसे  खड़े हो गए । उसके गरम मिजाज देखते ही रोमांश का जोश ठंडा हो गया । फिर भी हिम्मत करके उन्होंने एक चांस लेने की ठान ही ली ।  पत्नी के कंधे में एक हाथ रखकर हल्का सा दबाते- सहलाते हुए झूठ बोले, "यार बहुत ख्याल रखती हो तुम मेरा । बिन पूछे ही चाय बनाने लगी हो । पत्नी हो तो तुम जैसी ।"

     तनी हुई भृकुटि के साथ, "छोड़ो उथां जौ, मिकैं नि चैन हौ पोतड़ - पातड़" (छोड़ो उधर जाओ, मुझे नहीं चाहिए ये बनावटी नाटक) कहते हुए चनर दा को पत्नी ने एक ऐसा झटका मारा कि वे तीन कदम पीछे आकर रुके । उनके रोमांश का मर्डर हो गया ठैरा और हवा साफ हो गई ठैरी । वे हारे जुआरी की तरह किचन से जाने लगे । पत्नी बोली, "लो अब आ ही गए हो तो अपनी चाय भी ले जाओ ।" उनके रोमांश की सिहरन फुस्स हो गई थी । चाय का कप उठाया और चलते बने ।

         ज्वताई जौस मुखड़ ( पिटे मुहरे की तरह मुखड़ा) बनाके वे कमरे में जैसे ही चाय की चुस्कि मारने लगे, अचानक ज्वालामुखी हाथ में बिस्कुट लिए सामने खड़ी होकर बोली, "लो बिस्कुट खाओ । मुंह फुला कर बैठ गए हो यहां आकर । एक ही  झटके में उतर गया रोमांश । तुम्हारी जगह मैं होती तो दुबारा कोशिश करती और एक हाथ की जगह दोनों कंधों में हाथ रखती । आये बड़े रोमियो । डरपोक कहीं के ।"  चनर दा को जैसे आक्सीजन मिल गई । ज्वालामुखी (अब चंद्रमुखी ) का हाथ अपनी तरफ खीचते हुए ,"आ इधर बैठ यार" कह कर उसे अपने पास खींच लिया ।

      चनर दा बताते हैं, "वैसे घर में किचन प्यार का इजहार करने की एक उम्दा, अब्बल और श्रेष्ठ जगह है । हेल्पर बनकर उसके बगल में खड़े होने की हिम्मत करो और हो सके तो एकाद भान -कुन मांज (बर्तन धोना) दो । कुछ उसके मन कैसी बोलो ।  थोड़ी उसकी तारीफ (झूठी ही सही) कर दो । किचन में टोका-टाकी मत करो भले ही दूध उबाल जाए, सब्जी जल जाए या नल खुला रह जाय । तब देखो अपनी चंद्रू को, बस दुनिया भूल जाओगे कुछ देर के लिए ।"

      मैं जानता हूं कुछ लोग इस साश्वत किचन प्रेम में पहले से ही डूब कर अपने हिसाब से सराबोर हैं । फिर भी चनर दा का यह टोटका एक बार आजमा तो लीजिये, लाभ ही होगा । ('कंडीसन अप्लाई - चंद्रू द्वारा जेबतरासी के चांसेज हो सकते हैं , सावधान !')

पूरन चन्द्र काण्डपाल
27.10.2017

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