Thursday 28 September 2017

Jaagar masaan : जागर मसाण उद्योग

बिरखांत – 178 जागर/मसाण उद्योग (बिर-177, 21.09.2017 से आगे)

     ‘मसाण’ पूजा को देव-पूजा से न जोड़ा जाय | घट-घट में डेरा डाले हुए देव की चर्चा एक अलग विषय है जबकि अंधविश्वास अज्ञानता की उपज का एक रूप है | अन्धविश्वासी लोग अनभिज्ञता या अज्ञानता के कारण विज्ञान, तथ्य और सत्य से दूरी बनाये रखते हुए पारम्परिक कट्टरवाद की डोर से बंधे रहते हैं और सत्य- तथ्य को जानने की चाह नहीं रखते अथवा अंधविश्वास के सम्मुख मुंह खोलने का साहस नहीं जुटा पाते | 

     ‘जागर’ उपन्यास की रचना नागालैंड में १९७७ में पूरी हुई और १९७८ में मैं पूने आ गया | उपन्यास के बारे में कई प्रश्न मन-मस्तिष्क में घूम रहे थे | सबसे बड़ा प्रश्न था कि मसाण पूजने के बाद महिला वदिल (गर्भवती) कैसे हो जाती थी जिसका श्रेय त्रिगुट को मिल जाता था | मेडिकल कालेज पूने में स्वास्थ्य-शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान मानव शरीर रचना और शरीर के अंगों का आपसी सम्बन्ध एवं उनके कार्य मेरे प्रशिक्षण का एक विषय भी था | 

     स्त्री-पुरुष संसर्ग से शिशु उत्पति का रहस्य चिकित्सक प्रशिक्षण में मुझे बता चुके थे | महिला के ओवम (ऐग सैल या अण्डाणु) एवं पुरुष के स्पर्म (शुक्राणु ) के मिलन से महिला के गर्भ में भ्रूण (जीव) की संरचना होती है | इस उत्पति में शरीर के इंडोक्राइन सिस्टम (ग्रंथि तंत्र) का बहुत बड़ा योगदान है | इस बहुत ही संवेदनशील एवं नाजुक तंत्र पर डर, वहम (भ्रम) मानसिक तनाव, कुंठा, रोग आदि का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है जिससे ये ग्रंथियां कार्य करना छोड़ देती हैं अथवा निष्क्रीय या शिथिल पड़ जाती हैं | 

     ऐसी ही हमारे मस्तिष्क के पृष्ठ भाग में स्थित एक ग्रंथि ‘पिट्यूटरी’ है जो हमारे प्रजनन के अंगो को नियंत्रित करती है | यदि किसी निःसंतान विवाहित महिला से कह दें कि उस पर मसाण (छल,भूत, हवा) लगा है तो वह वहम का शिकार हो जाती है और उसमें प्रतिमाह एक बार उत्पन्न होने वाला ओवम बनना बंद हो जाता है | वहम जो एक लाइलाज रोग है, उसके दूर होते ही (मसाण पूजते ही) प्रजनन के अंग संक्रीय हो जाते हैं और संतान उत्पति की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं | 

     संतान नहीं होने के कई अन्य कारण भी हैं परन्तु ग्रंथि तंत्र का तंदुरुस्त एवं संक्रीय नहीं होना एक प्रमुख कारण है | एक और उदाहरण  – बभूत (चुकुट) लगाते ही किसी बच्चे या महिला या व्यक्ति का ज्वर (बुखार) उतरने का भी यही कारण है क्योंकि ग्रसित व्यक्ति समझता है कि छल, झपट या भूत जिसका उसे वहम है उसे बभूत से भगा दिया गया है | कोई भी मनोवैज्ञानिक दवाव हमारे शरीर पर बहुत घातक (सार्थक भी) परिणाम देता है | मसाण उद्योग में पहले किसी निःसंतान महिला को मसाण लगे होने का रोगी बनाया जाता है फिर मसाण पूजा से रोग को दूर (मसाण को भगाने) करने की बात कही जाती है | इस प्रक्रिया में भ्रामक शब्द- जाल का बहुत बड़ा पाखण्ड होता है | अगली बिरखांत में कुछ और...

पूरन चन्द्र काण्डपाल 
28.09.2017

 

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