दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै
पहाड़ में नश क जोर
पहाड़ कि जवानी में नशा(शराब, अत्तर, गांज, बीड़ी, सिगरट, सुडति, गुट्क, तमाकु भांग ) भौत भतेर तक घुसिगो । चनरदा जवान लौंडों में नश कि प्रवृति देखि दुखीं है बेर बतूं रईं, "क्वे जमान छी जब पहाड़ क पठ्ठों पर गर्व हुछीं । पहाड़ क पठ्ठ लुव क सांबोव कें लतकै दिछी , घट क बार आऊ क पाथर कें द्वि पठ्ठ सड़क बटि गाड़ पुजै दिछी, बरयात में घ्वड़ क टांगों कें मोड़ी बेर बकरी घोठ घुसै दिछी ।
आज नश ल यौ सब ख़तम करि है । हालों में कोटद्वार में एक भर्ती रैली हैछ । उत्तराखंड क हजारों लौंडों ल य रैली में भाग ल्हेछ । कुछ हजार लौंड पैलि दौड़ में फेल है गईं । दौड़ क पैल चक्कर में उनर दम फुलि गो, ऊँ हाफंण फै गईं और पैल चरण में अनफिट है बेर ज्वताई जास घर लौटि आईं । सेना क अधिकारियों ल यैक मुख्य कारण लौंडों में नश कि प्रवृति बता । कुछ लोग कूं रईं कि लौंडों में शारीरिक श्रम करण कि न इच्छा और न कुबत । कुछ साल पैली तक पहाड़ा क लौंड इस्कूल-कालेज जणा लिजी मीलों पैदल हिटछी ।
आब लौंड-मौड आराम पसंद जिन्दगी बितै बेर सेना क लिजी अनफिट है गईं । उत्तराखंड में कुमाऊं रेजिमेंट और गढ़वाल राइफल्स द्वि मुख्य इन्फैंट्री पलटन छीं । द्विये पलटन आपणी बहादुरी पऔर देशभक्ति क लिजी प्रसिद्ध छीं । स्वतंत्रता क बाद कुमाऊं रेजिमेंट ल २ परमवीर चक्र और ४ अशोक चक्र जितीं जबकि गढ़वाल राइफल्स ल एक अशोक चक्र जितौ । यूं द्विये पलटनों ल बहादुरी क लिजी मिलणी अन्य पदकों क ढेर लगा।
आज रामलिल में देखि राजा जनक क ऊँ बात याद औं रईं जब उनूल भरी दरवार में धनुष निटूटण पर कौछ, 'आज य दुनिय वीरों है खाली हैगे, धनुष नि टूटण पर सीता अणब्यवाइये रैगे । 'उत्तराखंड क लौंडों कें बतूंण चानू कि नाश करणी नश है आपूं कें दूर धरो, रोज दौड़ण क अभ्यास करो और अघिल भर्ती क इन्तजार करो । निराश हुण कि जरवत बिलकुल न्हेति ।"
पूरन चन्द्र काण्डपाल
07.09.2017
No comments:
Post a Comment