Saturday 2 September 2017

Deron ko chhoot kyon ? डेरों को खुल्ली छूट क्यों ?

खरी खरी - 77 : डेरों को खुल्ली छूट क्यों ?

     हाल के वर्षों में श्रद्धा-भक्ति और डेरे- आश्रमों पर दाग लगाने वाले बाबाओं ने श्रद्धालुओं को गहरी चोट पहुंचाई है, लज्जित किया है । सिरसा के डेरे में कई श्रद्धालुओं को डेरे ने धोखे से यह कह कर बुलाया कि 25 अगस्त को बाबा अपने हाथ से प्रसाद बाटेंगे । जब बाद में संगत को बाबा की करतूत का पता चला तो वे ठगे- ठगे से रह गए और उन्हें बहुत ग्लानि हुई कि वे इस पाखंडी को पहचान क्यों नहीं पाए, वे क्यों इस ढोंगी की अंधभक्ति में डूबे रहे ?

     अब समय आ गया है जब केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर मठ, आश्रम, डेरे, बड़े-बड़े मंदिर, मस्जिद, मदरसे, गुरुद्वारों, चर्च, मिशनरी पर निगरानी रखनी चाहिए कि वहां अंदरखाने  क्या होता है ? बताया जा रहा है कि अकेले हरयाणा में 350 डेरे हैं जिनमें दस डेरे रोहतक में हैं । खुफिया विभाग को इन डेरों में क्या गति-विधियां चल रही हैं उसका पता होना चाहिए । यदि इन पर निगरानी होती तो सिरसा कांड नहीं होता । अब तक जितने भी डेरों में कांड हुए हैं उनकी किसी को भनक तक नहीं लगी । समाचार है कि सिरसा डेरे में तो विगत 12 वर्ष से पुलिस वालों की ड्यूटी भी नहीं बदली गई । क्यों ? स्पष्ट है कि डेरे को कुछ भी करने की खुल्ली छूट थी ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल

03.09.2017


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