Saturday 4 December 2021

Paseene ki syaahi se : पसीने की स्याही से

बिरखांत-417 : पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादों को...

      सिविल सेवा परीक्षा प्रतिवर्ष कई लाखों प्रतियोगी भाग लेते हैं | वर्ष 2016 की इस परीक्षा में एक दलित लड़की प्रथम आईं | यह प्रतियोगी परीक्षा प्रतिवर्ष संघ लोक सेवा आयोग (यू पी एस सी ) द्वारा आयोजित कराई जाती है जिसमें प्रतियोगी का स्नातक होना पहली शर्त होता है | लड़की प्रथम आई तो एक मिथ तो यह टूटा कि लड़कियां रट्टू होती हैं या रटती ज्यादा, समझती कम हैं | अब उन लोगों को अपनी सोच भी बदलनी चाहिए जो सारे सामाजिक या पारिवारिक कायदे- क़ानून लड़कियों के लिए ही लागू करते हैं और उन्हें घर में दोयम दर्जे का नागिरक समझते हैं |

    सफल प्रतियोगियों में गरीब- अमीर सभी थे | कोई आटो चालक या सुरक्षा गार्ड की संतान था तो कोई किसान या श्रमिक का | कई विकलांगों (अब दिव्यांग) ने भी अपना परचम लहरा कर अपनी विकलांगता को मात दी और सफल प्रतियोगियों में अपना नाम दर्ज कराया | अमीरों के बच्चों पर अक्सर कोचिंग प्राप्त कर सुविधाजनक माहौल में पढ़ने की बात सामने आती है परन्तु कई गरीबों ने सफल प्रतियोगियों में अपना नाम दर्ज कराया  जबकि वे कोचिंग के लिए विशेष कक्षाओं में भी नहीं गए | उनके बारे में केवल इंतना ही कहा जाएगा कि उन्होंने अपने परिश्रम और अनुशासन के बलबूते से यह सफलता चूमी |

     प्रतियोगी परीक्षाओं में परिश्रम करने की बात सभी परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थी करते हैं परन्तु सफलता कुछ ही को मिलती है | कुछ अभिभावकों के बच्चे तो स्कूली शिक्षा में भी सफल नहीं होते | स्कूल तो ये असफल बच्चे भी गए थे तथा रोटी, कपड़ा और मकान उन्हें भी उनके अभिभावकों नि दिया था | कुछ को तो बहुत ही बेहतरीन सुविधा भी मिली थी फिर कमी कहां रह गई ? जीवन में असफल होने का मुख्य कारण होता है अनुशासन और समय प्रबंधन की कमी | भाग्य और भगवान को दोष ये ही लोग देते हैं क्योंकि यह काम बहुत सरल है | अनुशासन घर से आरम्भ होता है जिसकी बुनियाद बाल्यकाल में ही डाली जाती है और  जिसके प्रथम अध्यापक माता- पिता होते हैं | यदि हम इस बुनियाद को सुदृढ़ता से नहीं डाल सके तो आगे चलकर वांच्छित परिणाम की उम्मीद नहीं रहती | प्रातः उठने से लेकर रात्रि में सयन के लिए जाने तक अनुशासन और समय प्रबंधन की नितांत जरूरत है |

     कहते हैं समय और ज्वार किसी की प्रतीक्षा नहीं करता (time and tide wait for none) | 1994 के लौसन्जेलेस ओलम्पिक में उड़न परी पी टी उषा सेकेण्ड के सौवे हिस्से से पदक से वंचित रह गई थी और 1960 के रोम ओलम्पिक में उड़न सिक्ख मिल्खा सिंह सेकेण्ड के दसवे हिस्से से पदक चूक गए थे | कोई समय की कीमत इन दोनों से पूछे | दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणाम अच्छे न आने कुछ विद्यार्थी परिणाम से दुखी होकर अनुचित कदम भी उठा देते हैं जो एकदम गलत है | केवल परीक्षा के दिन चीनी- दही से मुंह मीठा करने से पेपर अच्छा नहीं होता | पेपर अच्छा होने के लिए पूरे वर्ष योजनावद्ध तरीके से लगन के साथ अध्ययन करना पढ़ता है |

      यदि बच्चों में अनुशासन और समय प्रबंधन उचित है तो सफलता चल कर आएगी आपके पास | आज हमने बच्चों से कुछ कहना या उन्हें समझाना इस डर से छोड़ दिया है कि वह कहीं ‘कुछ कर न ले’ | ऐसी स्थिति यकायक नहीं आती | आरम्भ से ही नियमित एवं उचित परवरिश बहुत जरूरी है | मां की निगहवान आँखें और पिता का कुशल मार्गदर्शन इसके लिए अति आवश्यक है | एक दिन पौधे को पानी नहीं देने से वह मुरझाने लगता है | जब उसे पानी नियमित देते हैं तो फिर बच्चों पर भी यही बात लागू होती है | शिखर पर पहुँचने की बात सभी करते हैं परन्तु पहुँचते वही हैं जो दृढ निश्चय, लगन, अनुशासन और परिश्रम के पायदानों में कदम रखते हुए आगे बढ़ते हैं | ‘पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादों को, मुक्कदर के सफ़ेद पन्ने कोरे उनके नहीं रहते |’ 

पूरन चन्द्र कांडपाल


05.12.2021


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