Wednesday 22 December 2021

Kisaan : किसान

खरी खरी -981 : क्यों आत्महत्या करते हैं किसान ? (आज किसान दिवस)

     हमारे लिए अन्न का निवाला पैदा करने वाला किसान अपनी फसल का सही मूल्य नहीं मिलने, फसल का समय पर क्रय नहीं होने और साहूकार का ऋण नहीं चुकाने से दुखित होकर या तो आत्महत्या कर रहा है या धीरे- धीरे खेती छोड़ रहा है । आत्महत्या अच्छी बात नहीं है फिर भी यह सिलसिला थम नहीं रहा । कुछ राज्यों में किसान आत्महत्या दर अधिक है ।
उपज का न्यूनतम मूल्य नहीं मिलने, फसल का क्रय न होने और भंडारण सुविधा नहीं होने के कारण हर रोज लगभग ढाई हजार किसान खेती छोड़ने पर मजबूर हैं । विशेषज्ञों के अनुसार विगत कुछ वर्षों में लगभग 3.2 करोड़ गांव वाले जिसमें किसान अधिक हैं, गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन कर चुके हैं जिनमें अधिकांश ने अपनी जमीन और घर-बार भी बेच दिया है ।

    वर्तमान में देश के कई राज्यों में किसान की प्रतिमाह औसत आय पांच हजार रुपए से कम है । कुछ राज्यों में चार हजार रूपए से भी कम है ।  किसान की आमदनी तो दूर उसकी फसल की लागत भी नहीं मिलने से उसका जीवन यापन मुश्किल हो रहा है । केंद्र और राज्य सरकारों को इस गम्भीर समस्या के निवारण पर शीघ्र कदम उठाना चाहिए । यदि कहीं बम्पर फसल होती है तो उसके खरीदने का तुरंत उचित प्रबन्ध होना चाहिए अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब किसान निराश होकर खेती करने से सन्यास न ले ले ।

      हाल में समाप्त हुए किसान आंदोलन में 378 दिन सड़क, तिरपाल, कनात पर गुजार कर 11 दिसंबर 2021 को किसान घर लौट गए हैं। बहुत अच्छी बात है कुछ समझौता तो हुआ ।  किसान की उगाई हुई रोटी से गरीब, अमीर, जनता, नेता, पुलिस, जवान सहित पूरे देश का जीवन गतिमान है ।  किसान के दर्द को समझने वाले वे भी इस देश के नेता ही थे जो 'जय जवान जय किसान ' का नारा दे गए और बड़ी सहानुभूति से किसानों की समस्या को सुनते थे । पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (जन्म दिन 23 दिसंबर) को विनम्र श्रद्धांजलि के साथ किसान दिवस की सभी को बधाई और शुभकामना । इन पंक्तियों के लेखक की कविता ' अन्नदाता कृषक ' जिसे कविता संग्रह ' स्मृति लहर ' से लिया गया है, देश में कक्षा 7 के विद्यार्थियों को पढ़ाई जाती है । किसान का जितना भी सम्मान किया जाए वह कम है क्योंकि अन्न के दाने से ही हमारा जीवन गतिमान है ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
23.12.2021

No comments:

Post a Comment