Thursday, 30 December 2021

Date Hain vatan ke liye : डटे हैं वतन के लिए।

मीठी मीठी -684 : डटे हैं वतन के लिए -40०C पर

       आजादी के बाद वर्ष 1947 - 48, 1962, 1965, 1971 और 1999 में हमारी सेना ने बड़े शौर्य के साथ दुश्मन का डटकर मुकाबला किया । वर्ष 1989 से जम्मू -कश्मीर में छद्म युद्ध लगातार हो रहा है जिससे हमारे सैकड़ों सुरक्षा प्रहरी वतन की माटी को अपने लहू से सिंचित कर गए । देश के कुछ अन्य भागों में भी हमारे सुरक्षाकर्मियों ने अपना बलिदान दिया है । हमारी सेना और अन्य सुरक्षा प्रहरियों ने भी दुश्मन की हर गोली का बड़ी मुस्तैदी से मुहतोड़ जबाब दिया और प्रत्येक शहीद के बलिदान का तुरंत बदला लिया । आतंकवाद के नाग का सिर कुचलना अभी बाकी है जिसकी देश को दरकार है । अब तक देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सभी अमर शहीदों को नए साल की पूर्व संध्या पर विनम्र श्रद्धांजलि के साथ नमन । हम नव वर्ष पर अपने सैन्य भाइयों और उनके परिवारों को भी हार्दिक शुभकामना देते हैं जो -40० C पर भी वतन की रक्षा में डटे हैं ।

बर्फीला सियाचीन हो या थार का तप्त मरुस्थल,


नेफा लेह लद्दाख कारगिल रण कच्छ का दलदल ।


हिन्द के सैनिक तुझे प्रणाम सारी मही में तेरा नाम


दुश्मन के गलियारे में भी होती तेरी चर्चा आम ।

     नववर्ष 2022 की पूर्व संध्या पर भलेही आज हम नए साल का स्वागत कर रहे हैं और एक - दूसरे को बधाई- शुभकामना दे रहे हैं परन्तु दिल से हम मातृभूमि के लिए स्वतंत्रता संग्राम से लेकर अब तक अपना बलिदान देने वाले इन वीर सपूतों के प्रति नतमस्तक होकर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और विनम्रता के साथ सभी शहीद परिवारों का बड़ी आत्मीयता से सहानुभूतिपूर्वक सम्मान करते हैं । 

'शहीदों की चिंताओं में 


लगेंगे हर बरस मेले, 


वतन पर मिटने वालों का 


बस एक यही निशां होगा ।' 

इस गमगीनअंधेरे में 


एक दीप जलाते हैं,


सभी  मित्रों  को  नववर्ष


की शुभकामना देते हैं ।

जयहिन्द, 


जय हिंद की सेना ।

( स्मरण रहे बाहरी दुश्मन को तो हमारी सेना अवश्य परास्त कर देगी लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के वेश में दस्तक दे रहे दुश्मन को हमने मास्क और वैक्सीन रूपी अमोघ हथियार से परास्त करना है। )

पूरन चन्द्र कांडपाल


31.12 .2021


No comments:

Post a Comment