Sunday 12 December 2021

Par updesh : पर उपदेश

खरी खरी - 973 : पर उपदेश

     अक्सर हम दूसरों को उपदेश देते हैं कि गलत काम न करें परन्तु स्वयं करते रहते हैं । मैंने कई कवियों को शराब, धूम्रपान और गुटके के विरोध में मंच से कविता पढ़ते देखा और मंच छोड़ते ही उन्हें शराब या सिगरेट या गुटका सेवन करते देखा ।  कुछ मशहूर हस्तियां भी ऐसा ही प्रचार कर रहीं हैं और स्वच्छता की बात भी करती हैं। द्वय चरित्र उचित नहीं होता।  दुनिया इन्हें देखती है परन्तु चुप रहती है । कुछ लोग हवन - यज्ञ या कर्मकांड करते समय भी मुंह में गुटका भरे हुए रहते हैं जिसकी निंदा की जानी चाहिए । यजमान ऐसे लोगों को टोकने के बजाय अनदेखी कर देते हैं  जो गलत है । डंगरिये शराब या भंगड़ी पीकर दुलैंच में बैठ अपनी आरती करवाते हैं और सौकार आंख बंद कर आरती करते हैं । इसी तरह कुछ वर्ष पहले एक अभीनेत्री ने दिवाली पर पटाखे नहीं चलाने की अपील की थी लेकिन उनकी शादी में जमकर आतिशबाजी हुई जिसकी खूब आलोचना भी हुई । इस बार भी कई लोगों ने न्यायालय के मना करने के बावजूद भी दीवाली की रात खूब पटाखे जलाए।   

     आज कोरोना के दौर में भी यही हो रहा है । हमारे देश में कोरोना रोग से करीब  4.7 लाख लोग मौत के मुंह में जा चुके हैं । जो चले गए उनके परिवार पर क्या बीती वे ही जानते हैं । आज हमारे नेता कोरोना से बचने के भाषण देते हैं, नित नए नारे/मंत्र देते हैं परन्तु उन पर स्वयं नहीं चलते । हम सबने इन्हें भीड़ में जाते देखा, रैली करते देखा, जीत का जश्न मनाते देखा और कई बार बिना मास्क के देखा । खुद कानूनों की खिल्ली उड़ाने के बाद फिर भी ये दूसरों से कानून मानने की उम्मीद रखते हैं । हम सबसे अपील करते हैं कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनें, देह दूरी रखें और अवांच्छित बाहर जाने से बचें । अब ओमिक्रोन के रूप में यह रोग पुनर्जीवित होने लगा है। भारत में ओमिक्रोंन ने दस्तक दे दी है  तथा कुछ राज्यों में केस हो चुके हैं । इसे डेल्टा वेरिएंट से अधिक खतरनाक बताया जा रहा है। हमें चिकित्सकों की सलाह को अवश्य मानना चाहिए।  इसकी गंभीरता को समझना बहुत जरूरी है। 

      हमारे देश में कानूनों की जमकर अवहेलना प्रतिदिन होती है परन्तु जब सेलिब्रेटी काननू की अवहेलना करते हैं तो एक गलत संदेश समाज में जाता है । उपदेश देना बहुत आसान होता है । हम जो भी उपदेश समाज को दें उस पर पहले खुद अमल करें । समाज को सेलिब्रेटी जनों से देश के हित में कुछ सार्थक करने की उम्मीद होती है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
13.12.2021

No comments:

Post a Comment