Monday 20 December 2021

Gich kholani : गिच खोलनी

खरी खरी - 979 : गिच खोलणी चैनी (गजल)

मसमसै बेर क्ये नि हुन

बेझिझक गिच खोलणी चैनी,

अटकि रौछ बाट में जो दव

हिम्मत ल उकैं फोड़णी चैनी ।

अन्यार अन्यार कै बेर

उज्याव नि हुन,

अन्यार में  एक मस्याव

जगूणी चैनी । 

मसमसै बेर...

क्ये दुखै कि बात जरूर हुनलि

जो डड़ाडड़ पड़ि रै,

रुणी कैं एक आऊं 

कुतकुतैलि लगूणी चैनी ।

मसमसै बेर...

जिंदगी छ एक उकाव होराव,

खितख़ितानै हात -खुट

फतोड़णी चैनी ।

मसमसै बेर...

आपसी रिश्त टड़ाटड़ी 

टुटैं रईं जां -तां,

रिश्तों कैं बड़ि जतन ल

समाउणी चैनी ।

मसमसै बेर...

पूरन चन्द्र काण्डपाल

21.12.2021

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