Monday 31 August 2020

Ek the Pranav Da : एक थे प्रणव दा

स्मृति - 507 : एक थे प्रणव दा

     देश के 13वें राष्ट्रपति, भारत रत्न प्रणव मुखर्जी, प्रणव दा, ( राष्ट्रपति कार्यकाल 25.07.2012 से 25.07.2017 ) का कल 31 अगस्त 2020 को आर आर अस्पताल दिल्ली में निधन हो गया । वे कई दिन से अस्पताल में कौमा में थे । बाद वे कोराेना संक्रमित भी हो गए । उनका जन्म 11 दिसंबर 1935 को मिराती गांव, जिला बीरभूम, पश्चिम बंगाल में हुआ ।  84 वर्षीय प्रणव दा काफी दिनों से अस्वस्थ थे । उनकी पत्नी सुभ्रा का निधन 18 अगस्त 2015 को हुआ था । वर्तमान में वे अपने परिजनों सहित 10 राजाजी मार्ग में रहते थे । पुत्री सर्मिष्ठा और पुत्र अभिजीत उनके साथ थे ।  कलाम साहब भी इसी बंगले में रहते थे । प्रणव दा की चर्चा वर्ष 2015 में प्रकाशित मेरी पुस्तक 'लगुल' ( कुमाउनी, हिन्दी और अंग्रेजी में एक साथ ) में भी देश के सभी राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के साथ है । प्रणव दा देश के वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे एवम् राज्य सभा के सदस्य रहे । 

    प्रणव दा ने वर्ष 2017 में अपने विदाई संबोधन में कहा था - ' सभी प्रकार की हिंसा से समाज मुक्त हो तथा सहिष्णुता से शक्ति प्राप्त होती है जो सदियों से हमारी सामूहिक चेतना का अंग रही है । मेरे पास उपदेश देने के लिए कुछ नहीं है । संविधान मेरा पवित्र ग्रंथ है, संसद मेरा मंदिर और भारत की जनता की सेवा मेरी अभिलाषा रही है । हमारे लिए समावेशी समाज का निर्माण विश्वास का एक विषय होना चाहिए । गांधी जी भारत को एक ऐसे समावेशी राष्ट्र के रूप में देखते थे जहां आबादी का हर वर्ग समानता के साथ रहता हो ।'

     मृदुभाषी, कर्मठ, विद्वान, कुशल राजनीतिज्ञ प्रणव दा का कार्यकाल इतिहास भरा रहा । वे संविधान ज्ञाता, अच्छे वक्ता, विनम्र होने के साथ ही प्रजातंत्र की अच्छी समझ रखते थे । उनके कार्यकाल में 26/11 के दोषी कसाब, संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और 1993 मुम्बई धमाके के दोषी याकूब मेनन की फांसी पर मुहर लगी । उनके पास 37 क्षमा याचिकाएं आई । अधिकांश में उन्होंने न्यायालय की सजा को बरकरार रखा । प्रणव दा ने राष्ट्रपति भवन में लोगों का पहुंचना आसान बनाया और विदेश जाने के बजाय मेजबान बनने में रुचि दिखाई । उन्हें कांग्रेस का ' संकट मोचक ' और राजनीति का 'अजातशत्रु ' कहा जाता था । प्रणव दा को 26 जनवरी 2019 को देश का सर्वोच्च अलंकरण ' भारत रत्न ' घोषित किया गया जो उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 08 अगस्त 2019 को प्रदान किया । अद्भुत व्यक्तित्व के धनी,  विपक्ष सहित जन जन के प्रिय प्रणव दा को विनम्र श्रद्धांजलि ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल


01.09.2020

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