Monday 24 August 2020

। Kya kahati hai rail ? क्या कहती है रेल ?

मीठी मीठी - 502 : क्या कहती है रेल ?

चलते रहूं विश्राम न पाऊं

मैं सबको मंजिल पहुँचाऊँ,

उत्सव त्यौहार दिन हो रात

जाड़ा गर्मी या बरसात ।

जीवन नाम है चलते रहना

दुःख संकट में नहीं घबराना,

लक्ष्य एक हो मंजिल पाना

बस आगे ही बढ़ते जाना ।

रुकावटें तो आती रहती

दृढ संकल्प हो वे झुक जाती,

रेल हमें बस यही सिखाती

जीने की है राह दिखाती ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल

25.08.2020

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