Tuesday 4 August 2020

Maryada purushottam Shree Ram : मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

मीठी मीठी - 493 : मर्यादा पुरुषोतम श्री राम

     कुछ समय पैली रामलिलक आनन्द ल्ही बेर चनरदाल बता, “रामलिलक य मौसम में श्रीराम ज्यूक स्मरण दिल बै है जो तो भौत भल छ | बताई जाछ कि श्री रामक जन्म आज बै लगभग सात हजार वर्ष ( बी सी ५११४ ) पैली हौछ | कुछ लोग य पर दुसरि राय धरनी | पौराणिक चर्चाओं में अक्सर मतान्तर देखण- सुणण में औंछ | श्रीराम ज्यू कि वंशावली कि विवेचना में मनु सबूं है पैल राज बताई जानी | इक्ष्वाकु उनार ठुल च्याल छी |  अघिल जै बेर वंशावली में ४१वीं पीढ़ी में राजा सगर, ४५ वीं पीढ़ी में राजा भगीरथ, ६०वीं में राजा दिलीप बताई जानी | दिलीप क नाति रघु, रघु क च्यल अज, अज क च्यल  दशरथ और दशरथ क च्यल श्रीराम जो ६५वीं पीढ़ी में छी | वाल्मीकिक राम मनुष्य छीं |

     तुलसीक राम भगवान छीं | कंबनल ११वीं सदी में कंबन रामायण लेखी और तुलसील  १६वीं सदी में रामचरित मानस लेखौ। अल्माड़ बै प्रकाशित ‘पुरवासी-२०१२’ में डा. एच सी तेवाड़ी (वैज्ञानिक) ज्यूक लेख में श्रीरामक बार में कएक जानकारी छीं | श्रीराम तेरह वर्ष कि उम्र में ऋषि विश्वामित्रक आश्रम में गईं | वां बै मिथिला नरेश जनकक कि च्येलि सीता दगै उनर ब्या हौछ | २५ वर्ष (कुछ लोग १४ वर्ष लै कूंनी ) कि उम्र में उनुकें वनवास हौछ | १४ वर्ष वन में बितूण क बाद ऊँ ३९ वर्ष कि उम्र में अयोध्या लौटी | श्रीराम हमार पूज्य या आदर्श यैक लिजी बनि गईं क्यलैकि उनूल समाजक हित में कयेक मर्यादा स्थापित करीं | उनूल इज-बौज्यूक कय मानौ, हमेशा सांचि बलै, पर्यावरण दगै प्रेम करौ, अनुसूचित जाति क निषाद दगै अंग्वाव भेड़ी, भीलनी शबरीक जुठ बेर खाईं और सबै जन-जातियों दगै प्रेम करौ |

     एक रजाक बतौर उनूल राज्य कि प्रजा कैं हमेशा खुश धरौ | उनूल एक धोबिक क्वीड़ों पर लै कान लगा और आपणी राणी सीताक परित्याग करि दे | सीता और धोबि द्विये उनरि प्रजा छी पर सीता उनरि घरवाइ और प्रजा द्विये छी जबकि धोबि केवल प्रजा छी | लेख क मुताबिक एक धारणा छ कि भारत में जाति भेद आदि काल बै चलि रौछ और तथाकथित ऊँची-नीची जाति हमार शास्त्रों की ही देन छ | महर्षि वाल्मीकि य धारणा कैं झुठलौं रईं क्यलैकि ऊँ खुद अनुसूचित जातिक छी और यैक बावजूद सीता उनरि च्येलिकि  चार उनार आश्रम में रैछ | खुद राजा श्रीरामल सीता कैं वां भेजौ | राज-पुत्र लव -कुश महर्षि क शिष्य छी | यां य लागरौ कि श्रीराम ज्यूकि मान्यता सबै वर्गाक लोगोंक लिजी एक सामान छी | आज हम राम चरित मानसक अखंड पाठ करनूं पर वीकि एक लैंन आपण दिल में नि उतारन | जो उतारनी ऊँ श्रद्धेय छीं | हम समाज में आज लै  राम क निषाद-शबरी दगै अंग्वाव नि किटन | जो किटनीं ऊँ ज्यादै श्रद्धेय छीं |

     संक्षेप में रामज्यूक वास्तविक पुजारि उ छ जो उनार आदर्शों पर चलो | हमार समाज में कएक रावण घूमें रईं और कयेकोंक दिलों में लै रावण घुसी हुई छीं | हम उ रावणक त पुतव जगूं रयूं जबकि यूं रावणों देखि डरैं रयूं | गांधी समाधि राजघाट पर मूर्ति पुज में विश्वास नि करणी बापूक गिच बै निकई आंखरी शब्द ‘हे राम’ बतू छ कि ऊँ सर्वधर्म समभाव ल वशीभूत छी और ‘ईश्वर-अल्लाह’ कैं एक्कै मान छी |  हमूल लै श्रीरामज्यू कैं हमेशा याद करण चैंछ और बिना ऊँच –नीच एवं राग- द्वेष वाल समाज क निर्माण करनै सबै धर्मों में आस्था धरि बेर भाईचार क साथ रौण क प्रयास करण  चैंछ |”

      खबर छ कि 5 अगस्त 2020 हुणि अयोध्या में श्री राम मंदिर भूमि पूजन हूंरौ । कोरोनाक दौर छ । भौत सादगीक साथ भूमि पूजन हुण चैंछ । भीड़ भाड़ बिलकुल नि हो तो ठीक रौल । राम ज्यू पर पुरि  दुनियकि आस्था छ । घट घट वासी रामज्यू कि जै हो ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
05.08.2020

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