Thursday 27 August 2020

Kau suaa,kaath kau : कौ सुआ, काथ कौ ।

मीठी मीठी - 504 : कौ सुआ, काथ कौ

     कुमाउनी कि अस्सी सालों कि कथा जात्रा कैं एकबटै बेर मंपापुर रामनगर  (उत्तराखंड ) में रौणी हिंदी व कुमाउनीक वरिष्ठ साहित्यकार और " दुदबोलि " क संपादक मथुरादात्त मठपाल ज्यू द्वारा संपादित किताब " कौ सुआ, काथ कौ " बेई डाक द्वारा देहरादून बै मंगै । य किताब में 100 कुमाउनी लेखकोंक 100 कहानि छीं । कहानियोंक क्रम वरिष्ठता बै कनिष्ठता कि ओर छ अर्थात वरिष्ठतम लेखक (जन्म 1901 ) कि कहानि सबूं है पैली छ और कनिष्ठतम लेखक (जन्म 1989 ) कि कहानि आंखिर में छ । 55उं  क्रम में म्येरि लेखी कहानि ' पंचोंक फैसाल'  कैं य संग्रह में जागि मिलि रै जो म्यर कुमाउनी कहानि संग्रह  ' भल करा रौ च्यला त्वील ' बै यां उद्धृत छ । मठपाल ज्यू रचित कहानि  ' लिकरू पंडितौ  बिरखांत ' 44 उं क्रम में छ ।

       किताब ऐगे, आब माठ -माठु कै पढ़ी जालि । य संग्रह में कएक यास लेखक छीं जनुकैं हाम नि जाणन । कुमाउनी साहित्य प्रेमियोंल य किताब जरूर पढ़ण चैंछ।  454 पृष्ठोंकि य किताबक मूल्य ₹ 445/- छ परन्तु लेखक हुणक वज़ैल प्रकाशकल थ्वाड़ छूट लै दी । प्रकाशक - समय साक्ष्य, देहरादून, उत्तराखंड ।  संपर्क - 0135 2658894 । आदरणीय मठपाल ज्यू कैं य अद्भुत साहित्य श्रम करणक लिजी भौत भौत बधै।  ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
28.08.2020

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