मीठी मीठी - 497 : तिरंग फहराल, मनल 15 अगस्त
कै कैं छ टैम सब हैरीं व्यस्त,
को मनूरौ आब पन्नर अगस्त |
आजादी यसिके नि मिलि क्तुक्वाल दि बइ,
ग्वारां क राज कि तबै हिली तइ,
काटि गुलामी कि बेड़ि करौ उनर राज अस्त,
तबै मनू रयूं हाम आज पन्नर अगस्त |
हमूकैं आजाद हई हैगीं तिहत्तर साल,
क्वे रैगो गरीब क्वे हैगो मालामाल,
को चांरौ तिरंगै कैं सब हैरीं व्यस्त,
को मनूरौ आब पन्नर अगस्त |
भ्रष्ट है गो तंत्र करैं रई देशक हलाल,
राष्ट्र सम्पतिक कैकैं न्हैति मलाल,
अपराध दिनोदिन बढ़नै जांरौ ज्यान हैगे सस्त
को मनूरौ आब पन्नर अगस्त |
नेताओं क गीत, शहीदों कैं क्वे नि पुछें रय,
शहीद परिवारों दगै क्वे लै नि मिलैं रय,
देश प्रेमियों क हालात है गईं खस्त,
को मनूरौ आब पन्नर अगस्त |
इस्कूलों में लै देश प्रेम कि बात बंद हैगे,
नि रै गेइ पढ़ाइ-लिखाइ, व्यौपार धंध हैगे,
नान-नान इस्कुलियां पुठम ठुल हैगीं बस्त,
को मनूरौ आब पन्नर अगस्त |
राज्य में स्यैणी लै हैगीं शराबक ठेकदार
माफियों दगै मिलि रईं भल चलि रौ रुजगार,
कच्ची-पक्की इंग्लिश पेऊं रईं सब छीं मस्त,
कैल नि सोच यस लै ह्वल पन्नर अगस्त |
गैरसैण नि गेइ राजधानी देहरादून अटिकि रै,
उत्तराखंडियोंक मन में य बात खटिकि रै,
करो हिम्मत लगूनै रौ गैरसैणक गस्त,
क्वे न क्वे वां जरूर मनौ पन्नर अगस्त |
सब जागि रेल न्हैगे उत्तराखंड चाइए रैगो,
आज -भोव कुनै-कुनै मुद्द दबाइए रैगो,
जोर नि लगाय हमूल मिलीजुलि जबरजस्त,
नेताओंल लै छोड़ आब मनूण पन्नर अगस्त |
अरे ओ लेखक कवि गीतकार साहित्यकारो,
अरे ओ देशाक पहरुओ इमानदार पत्रकारो,
उठो कमर कसो अघिल बढ़ो तुम निहौ पस्त,
क्वे मनौ या नि मनौ, तुम जरूर मनौ 15 अगस्त|
अलैबर बेर कोरोना महामारील दुनिय दुखी छ,
हमर देश लै य बिमारी है बचण में जूझी छ,
चौबीस लाख छीं संक्रमित छियालिस हजार अस्त,
यसि घड़ि में लै तिरंग फहराल मनल 15 अगस्त ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
14.08.2020
No comments:
Post a Comment