Friday 7 August 2020

Jab Ganesh ji ne doodh piya :जब गणेश जी ने दूध पीया

खरी खरी - 672 : जब गणेश जी ने दूध पीया

        एक होता है तर्क और एक होता है कुतर्क । अक्सर बुद्धि जीवी तर्क संगत प्रसंग पर चर्चा करते हैं । कुतर्की लोग अप्रसांगिक विषय को लेकर तर्क करते हैं और निष्कर्ष कुछ नहीं निकलता । कुछ लोगों ने शिव लिंग पर दूध चढ़ाने की चर्चा की, और सही निदान भी प्रस्तुत किया । अगर याद हो, 1995 में कनाडा से किसी ने एक मजाक उड़ाया कि गणेश जी दूध पी रहे हैं और 21 सितम्बर 1995 दिन के एक बजे तक दिल्ली में लम्बी कतार में लगे थे दूध का लोटा लेकर । दिल्ली में उस दिन 35 हजार लीटर दूध मदर डेरी ने दूध बेचा जबकि रोज 27 हजार लीटर ही बिकता था । अर्थात 8 हजार लीटर दूध गणेश जी पी गये । हमारी इस भेड़ चाल को दुनिया ने ठहाके लगाकर देखा ।

    शिव लिंग की पूजा, पानी, दूध चढ़ाना, इसका महत्व कोई सही ढंग से पण्डित लोग नहीं बताते हैं । अंततः यह सब नाली में जाता गए । गीताजी के चौदवें अध्याय के तीसरा औऱ चौथा श्लोक इसका अच्छी तरह प्रतिपादन करते हैं, किन्तु लोग अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग अलापते हैं । (साभार श्री वाई पी नैनवाल जी ।)

     यह बात उस दौरान ही सिद्ध हो चुकी थी कि गणेश जी की मूर्ति या किसी अन्य मूर्ति ने दूध नहीं पिया । वैज्ञानिकों ने इसे एक प्रकार की मैटल टेनसन बताया । आज भी किसी भी मूर्ति में चढ़ाया दूध, जल या तेल सब बह  कर नाली में जाता है । काश ! यह दूध देश के करोड़ों कुपोषित बच्चों के मुंह में जाता ! मूर्ति की श्रद्धा तो दो बूँद दूध या जल से भी पूर्ण हो सकती है । देश के शीर्ष नेताओं को भी इस तरह दूध अभीषेक करते देखा है जिसका अनुसरण अन्य लोग करते हैं । नेता कुपोषण पर कई घंटे भाषण देते हैं परन्तु कर्म कुछ और ही होता है । भगवान ने कभी नहीं कहा कि उसकी मूर्ति में दूध बहाओ । जागेगा भारत और मिटेगा कोहरा ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
08.08.2020

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