Wednesday 6 January 2021

Manhagaae, bhrashtaachaar, apraadh : मंहगाई, भ्रष्टाचार, अपराध

खरी खरी - 768 : बढ़ रही है  मंहगाई, भ्रष्टाचार और अपराध

      गरीब को जिन्दा रहने के लिए कम से कम छै चीजें चाहिए- आटा, चावल, दाल, चीनी, चाय और नमक । दूध, घी-तेल, सब्जी के बिना भी वह जी लेता है । नमक के पानी में डुबाकर भी वह रोटी खा लेता । प्याज जिसे वह रोटी के ऊपर नमक के साथ खाता था वह अब उसे नसीब नहीं होता । बिस्कुट, ब्रेड से लेकर सामान्य दवाओं की कीमत भी कुलाचें मार रही हैं । हर महीने कैमिष्ट को अधिक राशि देनी पड़ती है ।

     बढ़ती मंहगाई, बढ़ता भ्रष्टाचार, बढ़ता तेल मूल्य और बढ़ता अपराध जैसे शब्द चुनाव के समय जरूर उठाए जाते हैं । चुनाव होते ही इन पर चर्चा ही नहीं होती । । उक्त छै वस्तुओं के दाम कम करने के बजाय बहुत आगे निकल गए । दालों में सबसे अधिक मंहगाई हो चुकी है । बी पी एल कार्ड सभी गरीबों के पास नहीं है  । विशेषतः असंगठित क्षेत्र के गरीब मजदूरों के पास बी पी एल कार्ड नहीं होता ।  पेट्रोल - डीज़ल और रसोई गैस के दाम तो बढ़ते ही जा रहे हैं जिसके कारण अन्य चीजों के दाम भी स्वतः ही बढ़ गए हैं । मिलावट, भ्रष्टाचार और अपराध भी घटने के बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं । दुष्कर्म की घटनाएं दिनोदिन बढ़ रही हैं । भ्रष्टाचार का सबसे दुखद दृश्य मुरादनगर गाजियाबाद उ प्र में नया साल आते ही  3 जनवरी 2021 को देखा गया जब पलक झपकते ही 27 निर्दोष लोग श्मशान पर लिंटर के नीचे दबने से मर गए । बताया जा रहा है कि यह लिंटर हाल ही में बना था । इस बहुत ही दुखदाई और शर्मनाक घटना के जिम्मेदार लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाय ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
06.01.2021

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