मीठी मीठी - 563 : राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
हमारे देश में प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर 'राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार' (सब राष्ट्रीय बाल पुरस्कार) भारतीय बाल कल्याण परिषद ( वर्ष 2019 के गणतंत्र दिवस से यह सम्मान महिला और बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत ) द्वारा वर्ष 1957 से प्रधानमंत्री के हाथ से प्रदान किये जाते हैं । प्रत्येक राज्य में परिषद की शाखा है । प्रतिवर्ष 1 जुलाई से 30 जून के बीच 6 वर्ष से बड़े और 18 वर्ष से छोटी उम्र के वे बच्चे ग्राम पंचायत, जिला परिषद, प्रधानाचार्य, पुलिस प्रमुख एवं जिलाधिकारी की संस्तुति के बाद परिषद की राज्य शाखा को आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए दूसरों की जान बचाई ।
इस पुरस्कार के लिये पुलिस रिपोर्ट एवं अखबार की कतरन प्रमाण के बतौर होनी चाहिए । 1957 से 2020 तक यह पुरस्कार 1038 बहादुर बच्चों को प्रदान किया गया जिनमें 726 लड़के और 312 लड़कियां हैं । अब ये पुरस्कार कला - संस्कृति, शैक्षिक उपलब्धि, नवाचार, खेल, बहादुरी और समाज सेवा श्रेणी में दिए जाते हैं । पुरस्कार में चांदी का पदक, नकद राशि, पुस्तक खरीदने के वाउचर और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है । सर्वोच्च बहादुरी के लिए स्वर्ण पदक और विशेष बहादुरी के लिए भारत पुरस्कार, संजय चोपड़ा, गीता चोपड़ा सुर बापू गयाधानी पुरस्कार दिया जाता है । ये बच्चे गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं और राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से भी मिलते हैं । ( इस वर्ष कोरोना के कारण इन्हें परेड में सम्मिलित नहीं किया गया ।)
इस वर्ष के( वर्ष 2020 के पुरस्कार ) गणतंत्र के ये पुरस्कार 32 बहादुर बच्चों को प्रदान किया गया । इन बच्चों में 21 लड़के और 11 लड़कियां देश के 21 विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के हैं । देश में अपने अपने राज्य का नाम ऊँचा करने वाले इन बहादुर बच्चों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं । हमें अपने बच्चों से इस पुरस्कार की चर्चा अवश्य करनी चाहिए ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
27.01.2021
No comments:
Post a Comment