खरी खरी - 748 : हमार नेता और किसान
अघिल -पिछाड़ि नेता हमूकैं भुलि जानी
चुनाव क टैम गिड़गिड़ानै ऐ जानी,
हात जोड़नी इजा - बाबू कै जानी
वोट पड़ते ही पुठ देखै न्है जानी ।
यूं मुख में राम राम बगल में छुर धरनी
जाड़ काटी नि देखिन टुक सुकिये देखिनी,
इनरि खाल लै मोटि हैं निबुड़न तीर
यौ मनखियौ क रूप छ बिना जमीर ।
उम्मीद निछोड़ण चैनि वोट दिण पड़ल
कभैं त क्वे माई च्यल जरूर पैद ह्वल,
जो वोट दिणियांक नजर में खर उतरल
वोट- चुनाव और प्रजातंत्र कि लाज धरल ।
अघिल पिछाड़ि किसानों कि बात हिंछ
ऐन मौक पर उनरि बात नेता नि सुणन,
नेता कूंरीं किसान भैम -भड़कूण में ऐ गईं
पर देशाक सबै किसान गलत नि है सकन।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
02.12.2020
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