खरी खरी - 762 : डटा हुआ है किसान
किसान आंदोलन है जमा
हुआ बीते दिन इकतीस,
चुप्पी साधे घूर रहे हैं
राष्ट्र शासनाधीश,
राष्ट्र शासनाधीश किसान
भी डटा हुआ है,
बुलन्द होंसले और
संयम से खड़ा हुआ है,
कह 'पूरन' दिल्ली दहलीज पर
पड़ गए गहरे निशान,
हाड़ कंपाती ठंड हार गई
डटा हुआ है किसान ।
मानवता का तू है मसीहा
सबकी भूख मिटाता है,
अवतारी तू इस महीं पर
परमेश्वर अन्नदाता है ।
कृषक तेरी ऋणी रहेगी
सकल जगत की मानवता,
यदि न बोता अन्न बीज तू
क्या मानव कहीं टिक पाता ?
(अन्नदाता कृषक को सादर समर्पित)
पूरन चन्द्र कांडपाल
26.12.2020
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