Monday 30 November 2020

Ye bazar mein nahen milte : ये बाजार में नहीं मिलते

खरी खरी - 747 : ये बाजार में नहीं मिलेंगे !

तुम्हारी कुंठा अहंकार ने

दूर रखा तुम्हें सदाचार से,

पैसे से यदि मिल जाएं तो

ये चीजें ले आना बाजार से ।

खुशी नींद भूख स्वास्थ्य

संतोष सुमति ले आना,

कुछ दुआ आशीर्वाद देशप्रेम

कुछ संस्कार संस्कृति ले आना ।

मित्रता दोस्ती स्नेह सभ्यता

रिश्तेदार घर परिवार पड़ोस ले आना,

थोड़ा ज्ञान थोड़ी मुस्कान

थोड़ा शिष्टाचार भी ले आना ।

खूब दौड़ -भाग कर लो

तुम ढूंढते रह जाओगे,

परंतु ये सभी वस्तुएं

किसी बाजार में न पाओगे ।

कोई कितना ही मोल देदे

ये बाजार में नहीं मिलते,

मानव संवेदना स्रोत इनका

ये किसी दुकान में नहीं बिकते ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल

01.12.2020

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