मीठी मीठी -533 : सिक्खों से सीख
मैं एक भारतीय हूँ और सभी धर्मों का सम्मान करता हूँ परन्तु सिक्ख धर्म जिसकी स्थापना गुरु नानक देव जी (1468 - 1539 ) ने ई.1499 में की, हमें बहुत कुछ सिखाता है क्योंकि इसकी निम्न विशेषता है -
1. पूजा मूर्ति की नहीं बल्कि पवित्र पुस्तक 'गुरु ग्रंथ साहब' की होती है । शबद - कीर्तन में कानफोडू शोर नहीं होता । सिर्फ एक ओंकार में विश्वास ।
2. किसी तरह का आडम्बर -पाखंड नहीं है । शादी -विवाह अक्सर किसी भी रविवार को होती है ।
3. पाठी (पुजारी) किसी भी जाति का हो सकता है।
4. लंगर व्यवस्था निरंतर है । दान स्वेच्छा से दान पात्र में ।
5. कहीं भी आपदा होने पर सिक्खों को सबसे पहले पहुंचते देखा गया है ।
6. राशि -कुंडली- अंधविश्वास, पशु बलि आदि कुछ भी नहीं ।
7. किसी गुरुद्वारे में मन्नत नहीं मांगी जाती । स्वच्छता का विशेष ध्यान होता है ।
8. सभी अन्य धर्मों का सम्मान सिखाया जाता है ।
9. प्रत्येक अमीर गरीब साथ बैठकर लंगर छकते हैं ।
10. कोई किसी भी गुरुद्वारे में निःशुल्क रैन-बसेरा कर सकता है ।
(पुनः संपादित -साभार सोसल मीडिया मित्र धीरज कुमार । उक्त बिंदुओं पर मंथन कर हम बहुत कुछ सीख सकते हैं और अपना सकते हैं ।)
पूरन चन्द्र काण्डपाल
21.11.2020
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