Monday 2 November 2020

Masamasai sab raeen : मसमसै सब रईं।

खरी खरी 728 : मसमसै सब रईं

मसमसै सब रईं
जोरैल क्वे के नि कूं रय,
आपणि आपणि है रै 
क्वे कैकि नि सुणै रय ।

कोरोना संक्रमण है बचो,
मास्क लगौ सब कूंरीं
लगूंण क्वे नि रय,
मसमसै सब रईं
जोरैल क्वे के नि कूं रय,

मैंस रात भरि
पटाखा  छोड़ै रईं,
हौरन - लौस्पीकर
जोरैल बजूं रईं,
जागरण वाव
खूब कमू रईं,
मैंसूं कि रातै कि
नीन उडूँ रईं,
कानून कैं क्वे
लै नि पुछै रय,
मसमसै सब रईं
जोरैल क्वे
के नि कूं रय ।

आब नानतिन लै
आपण मना क हैगीं,
जता जस मन ऊँछ
उता उस करैं फैगीं,
मै बाप कैं हर बखत
बाघ जस देखैं फैगीं,
समझूण में कै दिनी
तुमार बात पुराण हैगीं,
बाव कैं दे भुलिगो
बुड़ आब रै नि गय ।
मसमसै....

मसाण  - जागर मैं
सब डुबि रईं,
गणतू - पुछ्यारूं क
पिछलगू बनि गईं,
गांठ- पताव ताबीजों क
माव जपैं रईं,
बकार - कुकुड़ खां रीं
परया जेब काटैं रईं,
अंधविश्वास में डुबि रीं
क्वे कैकं नि रोकैं रय,
मसमसै सब रईं
जोरैल क्वे के नि कूं रय ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
03.11.2020

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