Saturday 28 November 2020

Abara kutton se pareshaan : अबारा कुत्तों से परेशान

खरी खरी - 745 : आबारा कुत्तों से परेशान हैं लोग

        देश के हर शहर में आबारा कुत्तों से लोग दुःखी हैं जिनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । एक समाचार के अनुसार देश में लगभग साड़े चार करोड़ से अधिक आबारा कुत्ते हैं और प्रतिवर्ष बीस हजार लोग कुत्तों के काटने से रेबीज रोग के शिकार होते हैं जबकि कुत्तों के काटने के लगभग दो करोड़ केस होते हैं । यह भयावह स्तिथि महानगरों में अधिक है जिसका विवरण सरकारी और निजी अस्पतालों में देखा जा सकता है ।

      स्थानीय निकाय आबारा कुत्तों की संख्या को रोकने में असहाय लगते हैं । श्वान बंध्याकरण निराशाजनक है तभी यह संख्या बढ़ रही है । अबारा कुत्तों को जहां-तहां पोषित किये जाने से भी इनकी संख्या बढ़ रही है । जिस व्यक्ति को कुत्ते ने काटा है वही जानता है कि उसे कितनी पीड़ा होती है और किस तरह उपचार कराना पड़ता है । समाज चाहे तो आबारा श्वान नियंत्रण में सहयोग कर सकता है । आबारा कुत्तों को भोजन देने से बेहतर है कुत्तों को घर में पाला जाए । इस विषय में किसी प्रकार के अंधविश्वास के भंवर में न पड़ा जाय । यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है । अबारा कुत्ते तो गंदगी करते हैं, पालतू कुत्तों को भी श्वान मालिक बीच सड़क या किसी के भी घर के आगे बेझिझक शौच कराते हैं और मना करने पर 'तुझे देख लूंगा' की धमकी देते हैं । हम भारत माता की जय या वन्देमातरम तो बोलते हैं परन्तु इस भारत माता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझते ।  

पूरन चन्द्र काण्डपाल

29.11.2020

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