उजाले की ओर
T1185.क्या हमारे देश में खुले में शौच करने और मैला ढोने का कर्म समाप्त हो चुका है ? रेल पटरियों पर तो अभी भी ये गंदगी देखी जा सकती है । मैन होल में घुस कर आदमी ही सफाई कर रहे हैं ।
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