Sunday 11 October 2020

Vyaakaran samiksha : व्याकरण समीक्षा

मीठी मीठी - 522 :  'कुमाउनी भाषाक व्याकरण '

(आजकि ( 11.10.2020 ) मीठी मीठी -522 में हल्द्वानी निवासी कुमाउनी भाषाक रचनाकार डॉ जगदीश चन्द्र पन्त ज्यू कि शब्दशः समीक्षा छ जो पंत ज्यूल मेरि किताब ' कुमाउनी भाषाक व्याकरण ' पर लेखी छ । समीक्षा साभार उद्धृत छ । )

  "आज श्री पूरन चंद्र कांडपाल ज्यूँ क किताब- कुमाउनी भाषाक व्याकरण मिल गे । यो उनरी 13 वी कुमाउनी किताब छू । हिंदी में उनुल 17 किताब लिख हाली । व्याकरणक  यो उनरी पैल किताब छू । भूमिका में डॉ हयात सिंह रावत ज्यूँ  कोंण रई कि कुमाउनी भाषा कैं सजोंण, सवारन,अघिल  बढोण, भाषा में व्याकरणक समावेश करण और नना कैं कुमाउनी सिखुण में भोत उपयोगी साबित होलि, य म्यर विश्ववास छ । व्याकरण लेखन में उन न द्वारा 22 संदर्भ ग्रंथो क सहयोग लेछ । कांडपाल ज्यूँ किताब में लगभग 32 पाठ छन । कुमाउक इतिहास, भाषा, भाषक इतिहास, कुमाउनी 10 भाषाओक चर्चा, कुमाउनी भाषाक विकास, साहित्यक इतिहास, लोक साहित्य, कुमाउनी क हिंदी दगड़ रिश्त, संस्कृत दगड़ रिश्त, टलिपि वर्तनी व्यवस्था व व्याकरण ,स्वर व्यंजन, संधि, शब्द, विकारी शब्द, संज्ञा विकारक तत्व, सर्वनाम , विशेषण, क्रिया, वाच्य, भाव , काल, अविकारी शब्द, शब्द भेद व्यवस्था, कुमाउनी शब्द संपदा, मानक वर्ण, शब्द रचना, समास ,अलंकार  ,रस और छंद, विराम चिन्ह, वाक्य रचना भेद, पद बंध और पद परिचय ,मुहावरा और लोकोक्ति ,अनुच्छेद व चिट्टी, कहानी और निबंध जास पाठ छन ।कुमाउनी व्याकरण क जानकारी देणा लिजी भली किताब छू । लेखक द्वारा भोत मेहनत करि बेर यो किताब लिखी जे राय ।"

डॉ जगदीश चन्द्र पन्त
हल्द्वानी
कुमाउनी भाषाक रचनाकार

डॉ पंत ज्यूूक हार्दिक आभार ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
11.10.2020

No comments:

Post a Comment