Saturday 17 October 2020

Shabd : शब्द

खरी खरी - 715 : शब्द


शब्द मुस्कराहट जगा देते हैं

शब्द कड़वाहट भी बड़ा देते हैं,

दिल जो दिखाई नहीं देता

शब्द उसकी बनावट भी बता देते हैं ।

कुछ शब्द कहे नहीं जाते

कुछ शब्द सहे नहीं जाते,

शब्दों के तीर से बने घाव

जीवन में भरे नहीं जाते ।

शब्द दुखड़े भी बांट देते हैं

शब्द खाई भी पाट देते हैं,

शब्दों के धारदार खंजर

उलझी हुई जंजीर काट देते हैं ।

शब्द मिठास भी भर देते हैं

शब्द निरास भी कर देते हैं,

मन में छिपे हुए तूफ़ान की

प्रकट भड़ांस भी कर देते हैं ।

शब्द से अमृत भी बरसता है

शब्द से जहर भी उफनता है,

अपशब्द से घटा जो घिरती है

हर तरफ कहर ही बरपता है ।

शब्द को जो पहले तोलता है

तोल के मुंह जो खोलता है,

मिटे द्वेष द्वंद घृणा ईर्ष्या

कूक कोयल सी मिठास घोल देता है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल

18.10.2020

No comments:

Post a Comment