Saturday 24 October 2020

Rawan ka interview : रावण का इंटरव्यू

खरी खरी - 720 : एक इंटरव्यू रावण का

      रामलीला में दहन से पहले दिल्ली में रावण से आमने-सामने भेंट हो गई । रावण की विद्वता, ज्ञान और पराक्रम की याद दिलाते हुए मैंने पूछा, " इतना सबकुछ होते हुए आप युद्ध में मारे जाते हैं और लोग आज भी आपकी बुराई करते हैं । इतने पराक्रमी होने पर भी आपने छल से सीता का हरण क्यों किया ?

     अजी साहब इतना सुनते ही रावण साहब उछल पड़े और गरजते हुए बोले, "आपने सुना नहीं युद्ध और प्यार में सब जायज है । किसी की बहन की नाक कट जाय तो भाई कैसे चुप रह सकता है । मेरी बहन सूपनखा भी तो नारी थी । मानता हूं उसने गलती की पर उस गलती की इतनी बड़ी सजा तो नहीं होनी चाहिए थी ।"

     मशाल की तरह धधकती रावण की आंखों को देख कर मुझ से बोला नहीं गया । रावण का पारा सातवे आसमान पर था । वह गरजना के साथ बोलता गया, " क्यों मुझे बदनाम करते हो ? मैंने एक मंदोदरी के सिवाय कभी किसी दूसरी नारी की ओर देखा तक नहीं । सीता को उठाकर ले तो गया परंतु अपने महल के बाहर अशोक वाटिका में रखा उसे । उसके आँचल को छुआ तक नहीं । उसके सम्मान पर आंच नहीं आने दी ।"

     रावण अपनी जगह सही था । वह आगे बोलता गया, " मैंने कभी नारी पर लाठीचार्ज नहीं किया और कभी किसी नारी का बलात्कार भी नहीं किया । न कभी किसी नारी का उत्पीड़न किया और न अपमान किया । मुझे बुरा समझ कर कोसते हो तो पहले अपने अंदर छुपे हुए रावण को तो बाहर निकालो फिर जलाना मेरा पुतला । 94 % बलात्कारी पीड़िता के किसी न किसी तरह से परिचित या सम्बन्धी होते हैं तुम्हारे इस  समाज में । पहले इनके अंदर के राक्षस को मारो । मैंने तो अपनी मौत और मौत का तरीका खुद ढूंढा था । बलात्कारियों संग मेरा नाम मत जोड़ो ।"

     रावण की इस 24 कैरट सच्चाई से मैं वाकशून्य हो गया था । उसकी इस कटु सत्यता से मैं हिल चुका था । इसी बीच रामलीला डायरेक्टर की सीटी बजी और दनदनाते हुए रावण मंच पर पहुंच गया । मंच की ओर जाते हुए वह मुझे कुछ पाखंडी बाबाओं, दुष्कर्मी जनप्रतिनिधियों, नरपिशाच आचार्यों, घूसखोर अफसरों, मिलावट करने वाले दुकानदारों, ठगविद्या से भ्रमित करनेवालों और भ्रष्ट नेताओं के नाम गिना गया जो आजकल या तो जेल में हैं या बाहर खुल्ले आम घूम रहे हैं ।  वर्तमान कोरोना काल में नियमों की अनदेखी करने वालों और मास्क न पहनने वालों को भी उसने समाज के उदंडी रावण बताया ।  रावण वास्तव में सत्य कह रहा था । हमें अपने अंदर की बुराइयों के रावण का दहन सबसे पहले करना होगा ।

(आज 25 अक्टूबर 2020, विजयदशमी की सभी मित्रों को शुभकामनाएं ।)

पूरन चन्द्र काण्डपाल
25.10.2020

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