Sunday 29 March 2020

Samaaj sewi kaun :समाज सेवी कौन

खरी खरी - 591 : समाजसेवी की पहचान

     समाजसेवा उतना आसान काम नहीं है जितना लोग इसे समझते हैं । हमारे चारों ओर एक बहुचर्चित शब्द है 'समाजसेवी' । किसी भी आयोजन या समारोह में माइक में खूब गुंजायमान होता है कि अमुक समाजसेवी हमारे बीच हैं । कई बार तो 01 पैसे का काम पर 99 पैसे का शोर मिश्रित अपचनीय प्रचार होता है ।

     'समाजसेवी' का वास्तविक अर्थ है जो समाज के हित में निःस्वार्थ सेवा करे और अपना मुंह खोले तथा उस दिखाई देने वाली सेवा का बखान अन्य लोग भी करें और उस सेवा से समाज का वास्तव में भला भी हो । हमारे इर्द-गिर्द कुछ लोग ऐसे अवश्य दिखाई देते हैं जिनसे हमें प्रेरणा मिलती है । ऐसे लोग प्रत्येक विसंगति को बड़ी विनम्रता से इंगित करते हैं और परिणाम प्राप्त करते हैं । आज जब देश में कोरोना वायरस के कारण भारत बंद का चौथा दिन है और देश में इस बीमारी से 887 लोग ग्रसित हो गए हैं तथा 17 लोग हमारे बीच से जा चुके हैं,  तब भी कुछ लोग सरकारी आदेशों का पालन करते हुए कुछ न कुछ समाज सेवा कर रहे हैं । ( आज प्रातः की सूचना के आधार पर विश्व में 199 देशों के 5,94,791 लोग इस रोग से ग्रसित हैं और 27,255 व्यक्ति इसके शिकार हो चुके हैं ।)  किसी व्यक्ति को घर से बाहर नहीं जाने के लिए प्रेरित करना और स्वयं बाहर न जाना भी आज देश सेवा का पर्याय बन गया है ।

     बिना समाज के लिए कुछ कार्य किये हम क्यों किसी को समाजसेवी कह देते हैं ? जो स्वयं को समाजसेवियों में गिनते हैं उन्हें एक डायरी या कापी अपने लिए भी बनानी चाहिए जिसमें स्वयं द्वारा प्रतिदिन समाज के हित में किये गए कार्य की चर्चा स्वयं लिखी जाए । हमें कुछ ही दिनों में अपने समाज- सेवी होने का प्रमाण स्वतः ही मिल जाएगा । हम 'वन्देमातरम, 'भारतमाता की जय' और 'जयहिन्द' शब्दों को तभी साकार या सार्थक कर सकते जब हम अपनी क्षमता के अनुसार समाज और देश के लिए देश के कानूनों और सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए कुछ न कुछ आंशिक योगदान देते रहें । जयहिन्द ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
28.03.2020

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