Sunday 1 March 2020

Dhool dust alergy :धूल ऐलेरजी

मीठी मीठी - 431 : धूल (डस्ट ) ऐलरजी

     बढ़ते प्रदूषण में डस्ट ऐलरजी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है । यह समस्या धूल के अलावा आस - पास मौजूद कुछ चीजों के कारण भी हो सकती है । आतिशबाजी, कंस्ट्रक्शन कार्य, धुंआ, खौशैन, तड़का लगाने आदि से यह बढ़ सकती है । इस समस्या के कुछ लक्षण -

- अक्सर छींक आना
- अक्सर नाक बहना
- नाक भरा होना या महसूस करना
- थकान और कमजोरी
- आंखों में सूजन
- खांसी, खर खर लगातार, खरास
- आंख,नाक व गले में खुजली
- आंखें लाल या पानी भरी हुई
- आंखों के नीचे काले घेरे
- आस्थमा जैसे लक्षण
- कान बंद होना
- सूंघने की क्षमता में गिरावट
- थकान व चिड़चिड़ापन
- कभी कभी सिर दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते

       डस्ट ऐलर्जी का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है । हाथ - मुंह धोते रहें । चिकत्सक की सलाह पर क्रीम लगाई जा सकती है । धूल और प्रदूषण से बचाव ही सबसे बड़ा उपचार है । मास्क या रुमाल से नाक ढका जा सकता है । नीबू पानी पीना और नहाते समय पानी में कुछ बूंदें नीबू की डालने से खुजली से राहत मिल सकती है । अदरक का पानी या चाय भी लाभप्रद है । नमक के हल्के गर्म पानी से गरारे करने से खरास दूर होगी । पालतू जानवर या कबूतर के माइक्रो फीदर से बचें । ऐलरजी से रोग प्रतिरोधक शक्ति भी कम हो सकती है । अत: भोजन में विटामिन (फल - सब्जियां) और प्रोटीन (पनीर, काले चने, सोया चंक, दाल ) नियमित लेते रहे तो इस समस्या से बचा जा सकता है । शराब, धूम्रपान, तम्बाकू जनित पदार्थों के सेवन से दूर रहना सर्वोत्तम है । अधिक समस्या पर चिकित्सक से संपर्क ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
02.03.2020

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