Wednesday 25 March 2020

Nav samvtsar :नव संवत्सर

मीठी मीठी - 438 : नव वर्ष नव- संवत्सर आरम्भ

       भारत  का नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 25 मार्च  2020 आज आरम्भ हो रहा है ।  आज भी हमें एक-दूसरे को शुभकामना देनी चाहिए । देश में मुख्य तौर से प्रति वर्ष तीन नव -वर्ष मनाये जाते हैं | पहला 1 जनवरी को जिसकी पूर्व संध्या 31 दिसंबर को मार्केटिंग के बड़े शोर-शराबे के साथ मनाई जाते है | 1 जनवरी का शुभकामना संदेश भी बड़े जोर-शोर से भेजा जाता है ।  यह नव -वर्ष भारत सहित अंतरराष्ट्रीय जगत में सर्वमान्य हो चुका है |

     दूसरे नव- वर्ष को विक्रमी सम्वत कहते हैं जो ईसा पूर्व 57 से मनाया जता  है | 2020 में वि.स. 2077 है जो 25 मार्च 2020 से आरम्भ हो रहा है । आज से ही नव संवत्सर भी आरम्भ है । तीसरा नव वर्ष साका वर्ष है जो 78 ई. से आरम्भ हुआ अर्थात यह वर्तमान 2020  से 78 वर्ष पीछे है | इसका वर्तमान वर्ष 1942 है |

      भारत एक संस्कृति बहुल देश है जहां कई संस्कृतियाँ एक साथ फल-फूल रहीं हैं | यहां लगभग प्रत्येक राज्य में अलग अलग समय पर नव वर्ष मनाया जाता है | अनेकता में एकता का यह एक विशिष्ट उदाहरण है | हमारे देश ‘भारत’ का नाम अंग्रेजी में ‘इंडिया’ है | कई लोग कहते हैं कि हमारे देश का नाम सिर्फ और सिर्फ ‘भारत’ होना चाहिए | पड़ोसी देशों के नाम अंग्रेजी में भी वही हैं जो वहां की अपनी भाषा में हैं | ‘इंडिया’ शब्द ‘इंडस’ से आया | ‘इंडस’ शब्द ‘हिंदु’ से आया और ‘हिंदु’ शब्द ‘सिन्धु’ से आया (इंडस रिवर अर्थात सिन्धु नदी ) | ग्रीक लोग इंडस के किनारे के लोगों को  ‘इंदोई’ कहते थे |

      जो भी हो यदा कदा यह प्रश्न बना रहता है कि एक देश के दो नाम क्यों ? देश में कुछ लोग ‘इंडिया’ को अमीर और ‘भारत’ को गरीब भी मानते हैं अर्थात इंडिया मतलब ‘शहरीय भारत’ और भारत मतलब ‘ग्रामीण भारत’ | हमारा देश सिर्फ ‘भारत’ ही पुकारा जाय तो अच्छा है | सभी मित्रों को नव वर्ष की शुभकामनाए ।

        वर्तमान में भारत सहित पूरा विश्व कोरोना बीमारी से ग्रस्त है । हमें इस संकट की घड़ी में 24 मार्च 2020 को रात्रि 8 बजे  प्रधानमंत्री द्वारा की गई अपील को अक्षरशः मानना है । घर से बाहर न निकलें । पूरा देश कर्फ्यू में है । हम सुनें, समझें और सहयोग करें । कहते हैं भगवान भी उसकी मदद करता है जो स्वयं की मदद करता है । अपने देश के खातिर घर से बाहर न निकलिए और परेशानी को हिम्मत से झेलिए । पुनः नव वर्ष की शुभकामना ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
25.03.2020

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