Wednesday 11 March 2020

Fool semer : फूल सेमर

खरी खरी - 579 : ये संसार फूल सेमर को

ये संसार फूल सेमर को
सुवो देख लुभायो,
मारी चौंच रुई प्रकट भइ
सिर धुनि धुनि पछतायो ।

( इस दोहे का भावार्थ है कि यह संसार सेमर ( सेमहल ) के फूल की तरह चटक लाल लुभावना है । तोता भी इस चक्कर में इस पर चौंच मारता है, ताकि उसे कुछ खाने को प्राप्त हो जाये परन्तु उसे खाने को कुछ नहीं मिलता सिर्फ रुई मिलती है जो उसके काम की नहीं । अतः इस लुभावने माया - मोह से भरे संसार को एक दिन छोड़ना है इसके साथ ज्यादा लगाव ठीक नहीं । यही सत्य सूफी संत कहते हैं जबकि माया मोह में जकड़े लोग इस सत्य को सुनना नहीं चाहते ।)

सांची कहे कबीर..

पूरन चन्द्र काण्डपाल
12.03.2020

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