खरी खरी - 584 : कभैं आपूहैं पुछो !!
( कोरोना देखि नि डरो )
भाग्य क भरौस पर
तमगा नि मिलन
पुज-पाठ भजन हवन ल
मैदान नि जितिन,
पसिण बगूण पड़ूं
जुगत लगूण पणी,
कभतै हिटि माठु माठ
कभतै दौड़ लगूण पणी ।
कोरोना देखि नि डरो
गंड -टोटकों है दूर रौ
डाक्टरों कि बात सुनो
हाथ धुण नि भुलो
भीड़ में नि घुसो
खासै काम पर भ्यार जौ
सरकारक सहयोग करो
कोरोना देखि नि डरो ।
पढ़ीलेखी हाय
पढ़ी लेखियां जस
काम नि करें राय ,
गिचम दै क्यलै जमैं थौ
आपू हैं नि पूछैं राय,
मरि-झुकुड़ि बेर कुण नि बैठो
ज्यौना चार कभें त जुझो,
क्यलै मरि मेरि तड़फ
क्यलै है रयूं चुप
कभैं आपूहैं पुछो ?
पूरन चन्द्र काण्डपाल
18. 03 .2020
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