Sunday 1 March 2020

Milibhagat se farjivada :मिलीभगत से फर्जीवाड़ा

खरी खरी - 574 : मिलीभगत से फर्जीवाड़ा

     हमने कुछ वर्ष पहले दिल्ली महानगर निगम में फर्जी कर्मचारी (भूत कर्मचारी ) सुने थे जो एटीएम से वेतन के जाते थे । फर्जी बीपीएल कार्ड, फर्जी विधवा प्रमाण पत्र, फर्जी आर्थिक कमजोर वर्ग प्रमाण, फर्जी पिछड़ी जाति प्रमाण, फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण, फर्जी विवाह प्रमाण पत्र,  फर्जी वरिष्ठ नागरिक कार्ड, फर्जी पासपोर्ट, फर्जी चौकीदार, फर्जी वजीफा, फर्जी माली, फर्जी वोटर /आधार कार्ड और पता नहीं क्या क्या हमारे देश में मिलीभगत से  बहुत कुछ फर्जी प्रमाण पत्र बन जाता है या बनाया जाता है जिसका पूरा लाभ हमारा भ्रष्ट तंत्र खूब उठाता है । इन फर्जी प्रमाणपत्रों के लिए जब कोई दे रहा है तो तभी कोई के रहा है ।

       हाल ही में उत्तर प्रदेश विधान सभा में सामूहिक विवाह सामारोह में दोबारा शादी का एक ऐसा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया जिसमें 57 जोड़े दोबारा विवाह कर रहे थे । घटना गाजीपुर मनिहारी ब्लाक की है  । 14 नवम्बर 2019 को सामूहिक विवाह के लिए निर्धन वर्ग के 110 जोड़े विवाह के लिए आए थे जिन्हें प्रति जोड़ा बीस हजार रूपए सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत मदद दी जानी थी । जब मौके पर जानकारी ली गई तो मात्र 53 जोड़े सही निकले और 57 जोड़े दोबारा विवाह कर रहे थे । ये गरीब दंपति बिना किसी सरकारी व्यक्ति की मिलीभगत के इस तरह दोबारा शादी नहीं कर सकते । इस फर्जीवाड़े की जांच के आदेश दिए जा चुके । किसी भी फर्जी कार्य के लिए जब तक देश में सख्त सजा तय समय पर नहीं मिलेगी, देश को इन फर्जीवाड़ों से मुक्ति नहीं मिल सकती ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
01.03.2020

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