मीठी मीठी - 584 : ये कोराना से लड़ने वाले
( सड़क से लेकर अस्पताल तक कोरोना रोगियों की सेवा में एकजुट कर्मवीरों के लिए आज की यह कविता। )
कर खुद अपना संचालन तू
कोरोना बचाव संसाधन तू ।
तू सड़क में अस्पताल में
तू एम्बुलेंस में श्मशान में
खुद को भुलाकर जुट रहा
आठों पहर सेवा कर्मन तू। कर...
नित जारी रख अपना संघर्ष
तेरे साहस में तेरा उत्कर्ष,
शालीन मधुर ओजस्वी बन
बन प्रेरक कर नव सृजन तू। कर...
जिस दिन उत्साह तेरा जागेगा
तुझे देख अँधेरा भागेगा,
विपरीत हवा थम जाएगी
कर नूतन रश्मि आलिंगन तू । कर...
काँटों में राह बनाना सीख
चट्टानों से टकराना सीख,
है वक्त अभी तू जाग जरा
कर आशा आँख में अंजन तू । कर..
झुंझलाहट पास न आये तेरे
तुझे व्याकुलता न कभी घेरे,
जिज्ञासा ज्योति जगे जिसमें
कर नाटक ऐसा मंचन तू । कर...
तेरी मेहनत जब रंग लाएगी
संतोष सुगंध बिखराएगी ,
तेरा बहता शोणित तुझसे कहे
काया अपनी कर कंचन तू । कर...
दरिया की तरह तू बहता चल
बीहड़ में राह बनाता चल,
भटका राही जो देखे तुझे
कर उसका पथ प्रदर्शन तू। कर...
बन कर्मठ धीर सदा निश्छल
तू गीत शहीदों के गाता चल ,
जग में पहचान बना अपनी
करके बस में अपना मन तू । कर...
हो सदाचार श्रंगार तेरा
हो मानवता संस्कार तेरा,
बन शिष्ट सहज उदार प्रबल
अपना करके अनुशासन तू। कर...
तेरी हिम्मत तेरे साथ रहे
विजय पताका तेरे हाथ रहे,
दस्तक देता उपहार लिए
कर नव प्रभात अभिनन्दन तू ।
कर खुद अपना संचालन तू
कोरोना बचाव संसाधन तू ।
( विगत एक वर्ष एक माह से जूझते कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर को दिल्ली में आज लाकडाउन के 8वें दिन सादर समर्पित । )
पूरन चन्द्र कांडपाल
28.04.2021
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