Thursday 22 April 2021

Prithivi diwas : पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल

खरी खरी - 834 : पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल

      अमेरिका के सीनेटर गेलार्ड नेल्सन के प्रयासों से 1970 से लगातार पिछले 51 वर्षों से प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है । इस दिन दिनोदिन पृथ्वी की बिगड़ती दशा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जाता है क्योंकि इस दौरान प्रदूषण बढ़ता ही गया और जलवायु परिवर्तन से संकट गहराता गया । आज विश्व का औसत तापमान 1.5 डिग्री से.बढ़ गया है और हमारी राजधानी तो अप्रैल में ही 40 डिग्री से. तापमान पार कर गई है ।

     हम न जल बचा रहे हैं और न जंगल । हर साल वनमहोत्सव में रोपित अधिकांश पौधे देखभाल नहीं होने के कारण समाप्त हो जाते हैं । हम में से कई लोग रोज सूर्य को जल चढ़ाते हैं जिससे करोड़ों लीटर जल बह कर बर्बाद होता है । यदि यह जल नीचे न गिरा कर  किसी पौधे के ऊपर डाला जाए तो सूर्य को भी चढ़ जाएगा और पौधा भी जीवित रहेगा । इतना सा काम यदि हम नहीं कर सके तो फिर कागज में पृथ्वी दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है ।

     इसी तरह जहां शवदाह के लिए CNG या विद्युत प्लांट बने हैं वहाँ शवदाह लकड़ी में नहीं होना चाहिए । दिल्ली के निगम बोधघाट पर सब यमुना को मैली करते हैं, प्रदूषण फैलाते हैं जबकि वहां 6 CNG प्लांट सही हालात में हैं । पृथ्वी बचाने के लिए कई मिथ तोड़ने हैं और नई परंपरा अपनानी है तभी हम अपने बच्चों के लिए इस धरती को बचा पाएंगे और इसे हराभरा रख पाएंगे । पुरातन परम्पराओं को बचाने के बहाने पृथ्वी को बचाने की बात हम क्यों भूल रहे हैं ? जब पृथ्वी बचेगी तभी परम्पराएं भी बचेंगी ।

        आज देश में कोरोना बहुत भयंकर रूप ले चुका है। देश में पिछले 24 घंटे में 2.95 लाख से अधिक केस हुए हैं और दो हजार से अधिक मृत हो गए हैं। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में  28398 जबकि 277 कोरोना के ग्रास बन गए हैं । आज देश की यह हालत  उन नेताओं के कारण हुई है जिन्होंने समय रहते सही कदम नहीं उठाए और सभी धार्मिक, राजनैतिक, चुनाव रैलियों व सामाजिक आयोजनों पर प्रतिबंध नहीं लगाए। जनता ने भी सभी नियम तोड़े जिसके कारण महामारी नियंत्रण से बाहर हुई है। हमने पृथ्वी का बहुत दोहन किया । दोहन की एक सीमा होती है । यदि हम नहीं रुके तो धर्ती हमें क्षमा नहीं करेगी । जल, जंगल और जमीन का दोहन नए नए दुखों का कारण बन रहा है। घर में रहें और कोरोना को बढ़ने से रोकें तथा कोरोना कर्मवीरों का मनोबल बढ़ाएं ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
22.04.2021
पृथ्वी दिवस

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