मीठी मीठी - 577 : तुम राह दिखाते हो
( 'खरी खरी' तो प्रतिदिन होती है । आज 'मीठी मीठी' एक भजन/प्रार्थना 'तुम राह दिखाते हो ।' वैसे 2 मिनट प्रभू स्मरण तो प्रतिदिन करता हूं और सबको करना भी चाहिए । प्रभू स्मरण के लिए किसी भी प्रकार के आडंबर या दिखावे की आवश्यकता नहीं है । घर के मंदिर में ही माथा टेकना सर्वोत्तम । )
तुम राह दिखाते हो
तुम ज्योति जगाते हो,
भटके हुए मेरे मन को
प्रभु जी थाह दिलाते हो ।
जब -जब मेरे
मन में प्रभु जी
अंधियारा घिर आया,
देर नहीं की आकर तुमने
ज्ञान का दीप जलाया,
सुख-दुख जीवन
के पहलू हैं
तुम्हीं बताते हो । तुम...
संकट के बादल छिटकाये
क्रोध की अग्नि बुझाई,
भंवर से तुमने
मुझे निकाला
खुद पतवार बनाई,
मेरे मन की चंचल नैया को
तुम पार लगाते हो । तुम...
जीवन मेरा
सफल हो जाये
तुम्हरी कृपा पा जाऊं,
फल की आस
जगे नहीं मन में
कर्म पै बलि बलि जाऊं,
कर्म ही मेरा दीन धरम
संदेश बताते हो । तुम...
(आज इस प्रार्थना का वीडियो भेजने का प्रयास करूंगा । वीडियो 27.03.2020 कोरोना के आरंभिक दौर का है। यह भजन मेरी पुस्तक " यादों की कालिका " ( 2010) में अन्य 51 कविताओं के साथ है ।)
पूरन चन्द्र काण्डपाल
28.03.2021
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