Sunday 19 January 2020

Ganga prasad vimal : गंगा प्रसाद विमल

खरी खरी - 551 : डॉ गंगा प्रसाद विमल स्मरण

      18 जनवरी 2020 को गढ़वाल भवन नई दिल्ली में गढ़वाल हितैषीणी सभा (पं) दिल्ली द्वारा सुप्रसिद्ध हिंदी लेखक/कवि दिवंगत डॉ गंगा प्रसाद विमल (3 जून 1939 - 23 दिसंबर 2019 ) के स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई । डॉ विमल एक कालजई रचनाकार थे जिन्होंने 5 उपन्यास, 12 कविता संग्रह, 11 लघु कहानी संग्रह, 8 गद्य पुस्तकें, 7 संपादित संग्रह और कई साहित्यिक पत्रिकाओं में कई निबन्ध लिखे । उनके साहित्य सृजन के लिए उन्हें कई सम्मान भी प्रदान किए गए जिनमें पोयट्री पीपल प्राइज, कला विश्व विद्यालय, रोम का डिप्लोमा गोल्ड मैडल, नेशनल म्यूजियम ऑफ लिट्रेचर, सोफिया, दिनकर पुरस्कार, इंटरनेशनल ओपन स्काटिश पोयट्री प्राइज,भारतीय भाषा पुरस्कार, महात्मा गांधी सम्मान आदि मुख्य हैं ।

           स्मृति सभा में कई गणमान्य व्यक्ति आए थे जिनमें कई साहित्यकार, कवि, पत्रकार, राजनीतिज्ञ, डॉ विमल के शिष्य और समकालीन सखा मौजूद थे । सुश्री मधु बैरिया साह की स्वरांजलि के बाद जिन वक्ताओं ने डॉ विमल को अपने शब्दों से शब्दांजलि अर्पित की उनमें मुख्य थे - सर्वश्री प्रो.हरेंद्र अस्वाल, मोहबत सिंह राणा, उपेन्द्र नाथ, डॉ राजा कुखशाल, डॉ हेमा उनियाल, विमल गोयल, डॉ एस पी सेमवाल, पूरन चन्द्र कांडपाल, निखिल विमल (अमेरिका से केलिफोर्निया निवासी डॉ विमल के पौत्र ), सुश्री सुनीति, डॉ पी एस केदारखंडी, डॉ पुष्पलता भट्ट, डॉ कुसुम नौटियाल, रमेश घिल्डियाल, डॉ हरि सुमन बिष्ट, पं महिमा नंद द्विवेदी, जगदीश ढौंढियाल, प्रदीप पंत, जोत सिंह बिष्ट, डॉ रेखा व्यास और पद्मश्री डॉ श्याम सिंह शशि । स्मृति सभा का संचालन डॉ पवन मैठाणी ने किया ।

       डॉ विमल का 23 दिसंबर 2019 को श्रीलंका में एक कार दुर्घटना में असामयिक निधन हो गया था । इस दुर्घटना में डॉ विमल की बेटी और पोते का भी निधन हो गया । डॉ विमल एक प्रकृति प्रेमी हिमालयन श्रृद्धा से परिपूर्ण स्पष्ट एवम् जमीन से जुड़े हुए कालजई लेखक थे जिन्हें अनंत तक याद किया जाएगा । दिवंगत डॉ विमल को पुनः विनम्र श्रद्धांजलि ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
19.01.2020

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