मीठी मीठी - 417 : ऐगो बसंत - आज बसंत पंचिमी
बजूरै पौन बसंती राग
चौतरफ़ा उडैरै बसंती फाग,
ब्योली जसि छाजि रै बसोधरा
कैं रंगवाई पिछौड़ कें पिङ्गइ पाग।
फूलों में मौ कि है रै बहार
को छ य रंगरेज बन अप्छ्याण,
कैल फोक हुनल य अबीर गुलाल
को बौरै गो आमों कैं लगै तराण।
'पूरन' पूंछें रौ कस य बसंत
लेखण बतूंण कठिन बसंत,
मांघ -फागुण राग बसंत
रितू चैत बैसाग बसंत।
(सबूं कैं बसंत पंचिमीकि शुभकामना )
पूरन चन्द्र काण्डपाल
30.01.2020
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