Tuesday 30 November 2021

Ye bajar mein naheen milte : ये बाजार में नहीं मिलते

खरी खरी - 970 : ये बाजार में नहीं मिलेंगे !

तुम्हारी कुंठा अहंकार ने


दूर रखा तुम्हें सदाचार से,


पैसे से यदि मिल जाएं तो


ये चीजें ले आना बाजार से ।

खुशी नींद भूख स्वास्थ्य


संतोष सुमति ले आना,


कुछ दुआ आशीर्वाद देशप्रेम


कुछ संस्कार संस्कृति ले आना ।

मित्रता दोस्ती स्नेह सभ्यता


रिश्तेदार घर परिवार पड़ोस ले आना,


थोड़ा ज्ञान थोड़ी मुस्कान


थोड़ा शिष्टाचार भी ले आना ।

खूब दौड़ -भाग कर लो


तुम ढूंढते रह जाओगे,


परंतु ये सभी वस्तुएं


किसी बाजार में न पाओगे ।

कोई कितना ही मोल देदे


ये बाजार में नहीं मिलते,


मानव संवेदना स्रोत इनका


ये किसी दुकान में नहीं बिकते ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल


01.12.2021


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