Monday 29 November 2021

Gharwai ki bhakti : Gharwaiकि भक्ति

खरी खरी - 969 : घरवाइकि भक्ति

भ्यार भलेही सबूं हैं


खूब बागै चार गुगौ,


घर आते ही भिजाई 


बिराउ जास बनि जौ ।

घरवाइक सामणि फन फन


नि करो, मुनव कनौ,


खांहूँ नि लै बनै सकना


भान तब लै चमकौ ।

साग-पात सौद पत्त ल्हीहूँ


उ दगै हमेशा बाजार जौ,


समान उ आफी ख़रीदलि


तुम चुपचाप झ्वल पकड़ि


वीक पिछाड़ि बै ठाड़ हैरौ ।

अगर चांछा हमेशा भलि भांत


चलो गृहस्थी कि गाड़ि,


तो टैम टैम पर ल्याते रौ


वीक मनकसि भलि भलि साड़ि। 

पूरन चन्द्र काण्डपाल


30.11.2021


No comments:

Post a Comment