Monday 17 February 2020

Khaichani : खैचतानी

मीठी मीठी - 427 : लोकार्पण " खैचाताणि : विचार गोष्ठी - कवि सम्मेलन

   16 फरवरी 2020 को अपराह्न  DPMI न्यू अशोक नगर नई दिल्ली में नवोदित कवि वीरेंद्र जुयाल रचित गढ़वाली काविता संग्रह " खैंचाताणि " का लोकार्पण किया गया । इस अवसर पर विचार गोष्ठी के साथ कुमाउनी - गढ़वाली कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया । विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता थे DPMI के चेयरमैन डॉ विनोद बछेती, पूरन चन्द्र कांडपाल, नेत्र सिंह असवाल, जगदीश ढौंढियाल, आशीष सुंदरियाल, और जयपाल सिंह रावत । लोकार्पण और विचार गोष्ठी के बाद कुमाउनी गढ़वाली कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया ।  

          कवि सम्मेलन में काव्य पाठ करने वाले कवि थे सर्वश्री ललित केशवान, पूरन चन्द्र कांडपाल, नेत्र सिंह असवाल,  जयपाल सिंह रावत, दिनेश ध्यानी, पयास पोखड़ा, दर्शन सिंह रावत, डॉ सतीश कालेश्वरी, रमेश हितैषी, गोविंद राम पोखरियाल, संतोष जोशी, प्रदीप खुदेड़ , अनूप नेगी, अनूप रावत, सुनील सिंधवाल,  सुश्री कुसुम भट्ट आदि । इस तरह के आयोजनों में नवोदित कवियों को मंच देना बहुत अच्छी बात है । यदि कार्यक्रम तय समय पर आरम्भ होता तो कुछ और कवियों को भी अपनी कविता पढ़ने का अवसर मिल जाता । इस अवसर पर कई कवि, पत्रकार और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे जिनमें मुख्य थे - सर्वश्री रमेश घिल्डियाल, ओम प्रकाश आर्य, द्वारिका प्रसाद चमोली, नीरज बवाड़ी, बी पी जुयाल, शंकर ढोंडियाल, सुश्री रामेश्वरी नादान,  यशोदा जोशी, निशांत रौथान, जगनमोहन रावत, गिरधारी रावत, जी पी एस रावत,  पत्रकार सत्येन्द्र रावत, अनिल पंत आदि । विरेन्द्र जुयाल के परिजन भी इस अवसर पर मौजूद थे । आयोजन का संचालन डॉ केदारखंडी और कुसुम भट्ट ने संयुक्त रूप से किया ।

        विरेन्द्र जुयाल रचित 120 पृष्ठ के इस गढ़वाली कविता संग्रह में 80 कविताएं हैं जो समाज की प्रत्येक विसंगति को ललकारती है, आईना दिखाती हैं, अपनी माटी - थाती का स्मरण करती हैं और सौहार्द, संवेदनशीलता व समरसता के मिठास को सिंचित करती हैं । पुस्तक का पेपर बैक मूल्य ₹ 150/- है । पुस्तक प्राप्ति के लिए रावत डिजिटल इंदिरापुरम गाजियाबाद ( मोब 9910679220 ) पर संपर्क किया जा सकता है । हम विरेन्द्र जुयाल को इस कविता संग्रह के प्रकाशन पर हार्दिक शुभकामना देते हैं ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
17.02.2020

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