Tuesday 11 February 2020

Aap parti ki Jeet : पार्टी की जीत

खरी खरी - 559 :  दिल्ली में "आप " पार्टी की जीत

      9 फरवरी 2020 की खरी खरी में मैंने लिखा था कि दिल्ली जीतेगी और दिल्ली जीत गई । 8 फरवरी 2020 को संपन्न हुए दिल्ली विधान सभा की 70 सीटों के चुनाव का परिणाम 11 फरवरी 2020 को घोषित हो गए । इन 70 सीटों के लिए 672 प्रत्यासी मैदान में थे जिनमें 79 महिलाएं भी थीं । सर्वाधिक 28 उम्मीदवार नई दिल्ली विधान सभा सीट से थे जहां से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रत्यासी थे ।  इन 672 प्रत्याशियों में 16 पढ़े -लिखे नहीं हैं, 115 मिडिल स्कूल तक पढ़े है, 298 ग्रेजुएट हैं और 133 पर अपराधिक मुकदमे दर्ज थे  जिनमें 104 पर हत्या, अपहरण और बलात्कार के मामले दर्ज हैं । सभी प्रत्याशियों का फैसला दिल्ली के 1.48 करोड़ मतदाताओं ने 13750 मतदान केंद्रों पर 20385 ईवीएम की मदद से किया गया ।

       दिल्ली विधान सभा का  चुनाव एक महासमर की तरह लड़ा गया जिसमें एक तरफ तो अकेला अरविंद केजरीवाल था और दूसरी तरफ एक बहुत बड़ा दल - बल था जिसमें प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, केंद्रीय मंत्री, कई अन्य मंत्री, आधे दर्जन मुख्यमंत्री, दो पूर्व मुख्य मंत्री, पार्टी के कई सांसद, कई नेता, कई अभिनेत्री -अभिनेता और पार्टी कार्यकर्ताओं का सैलाब था । चुनाव को तीसरे राष्ट्रीय दल ने त्रिकोणीय बनाकर नेक टू नेक फाइट करने का प्रयास किया । कई अन्य दल और निर्दलीय भी चुनाव मैदान में थे जिनका इस चुनाव पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा ।

      लगभग एक महीने तक चुनाव प्रचार हुआ । ज्यों ज्यों चुनाव प्रचार बढ़ता गया इसमें कई तरह के बिगड़े - बोल और कषैली भाषा घुस गई और कई भड़काऊ भाषणों ने भी इसे हथिया लिया । कुछ बिगड़ैलों को चुनाव आयोग ने देर - सवेर दंडित भी किया । कुछ मीडिया चैनलों ने इस चुनाव को स्थानीय मुद्दों से भटका कर सीएए और एनपीआर के माध्यम से वाया शाहीनबाग राग हिन्दू - मुस्लिम की ओर मोड़ने का वृहद प्रयास किया । राजनीतिक दलों को मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए था । भड़काऊ भाषणों, बिगड़े बोलों से कटुता फैलती है और राष्ट्र का नुक़सान होता है । चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक कई अनहोनियां होते - होते टल गई और 8 फरवरी 2020 को 62.59% मतदाताओं ने सुचारु रूप से मतदान किया जबकि 2015 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में 67% मतदान हुआ था ।

      दिल्ली के एग्जिट पोल में आप पार्टी पुनः सरकार बनाते हुए बताई गई थी जो इस बार सटीक रहे । 2015 के चुनाव में उसने 67/70 जीती थीं । 11 फरवरी 2020 को चुनाव परिणाम आया और आप पार्टी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 62 सीटों पर विजय प्राप्त की जबकि बच्ची हुई 8 सीट बी जे पी की झोली में गई । कांग्रेस पिछले चुनाव की तरह इस बार भी खाता नहीं खोल सकी । उत्तराखंड मूल के मोहन सिंह बिष्ट भी करावल नगर से बी जे पी प्रत्यासी बतौर चुनाव जीते हैं ।  इस चुनाव में जीतने वालों को बधाई और पराजितों को संघर्ष करते रहने के लिए शुभकामाएं । दिल्ली के मतदाताओं को विशेष विनम्र धन्यवाद जो वे किसी के भड़काने - बरगलाने में नहीं आए और धैर्य - संयम का परिचय देते हुए प्रजातंत्र प्रदत अपने अधिकार और कर्तव्य को बड़े सौहार्द और समरसता से निभाया ।

      मैं कोई राजनैतिक विश्लेषक नहीं हूं । मैंने दिल्ली के पूरे चुनाव प्रचार को मीडिया में देखा और समाचार पत्रों में पढ़ा । मैं इस पर अधिक टिप्पणी न करते हुए केवल इतना कहूंगा कि यह चुनाव जहां एक ओर किए हुए कार्य पर लड़ा गया वहीं दूसरी ओर दिल्ली के मुद्दों से हट कर लड़ा गया । चुनाव में कई बार कई नेताओं द्वारा कलुषित भाषा का प्रयोग किया गया जिसका दिल्ली से कोई लेना देना नहीं था । नफ़रत, विद्वेष और कटु शब्दों के प्रहार से सर्व धर्म समभाव की चूल हिलने से बच गई । हमारे नेताओं को समझना होगा कि धर्म - संप्रदाय  का उपयोग राजनीति को साधने के लिए नहीं बल्कि राजनीति की सुचिता के लिए होना चाहिए । जीतने वालों ने दिल्ली में पटाखे नहीं जलाए यह खुशी की बात है । जीत का अर्थ है उस विश्वास पर खरा उतरना जो जनता ने आप में प्रकट किया है और हार का अर्थ है निराश न होते हुए प्रजातंत्र में विपक्ष की उचित भूमिका निभाना और सरकार को उसके द्वारा किए गए वायदे याद दिलाते रहना ।  दिल्ली का चुनाव हमें यह संदेश देता है कि आने वाले समय में चुनाव किए गए कार्य पर ही लड़े जाएंगे । भटकाव और इधर - उधर के मुद्दों की गैर - जरूरी राजनीति जनता अब समझने लगी है ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
12.02.2020

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