मीठी मीठी - 426 : कुमाऊँ केसरी बद्री दत्त पांडे जी की 138वीं जयंती : विचार गोष्ठी व कवि सम्मेलन
कुमाऊँ केसरी बदरी दत्त पांडे जी का जन्म 15 फरवरी 1882 को विनायक पांडे जी के घर कनखल में हुआ । बाद में वे अल्मोड़ा आये । उन पर विवेकानंद जी और ऐनीवेसेन्ट का प्रभाव था । उन्होंने 1905 नें देहरादून में नौकरी की । वे 1910 तक इलाहाबाद में एक संपादक के साथ रहे । उन्होंने अल्मोड़ा अखबार और शक्ति अखबार नें काम किया । वे गांधी जी के संपर्क में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े रहे । 13 जनवरी 1921 उत्तरायणी के दिन कुली बेगार के रजिस्टर गोमती-सरयू के संगम बागेश्वर में उनके नेतृत्व में बहाए गए । वे अंग्रेजों के दमन और बंदूक से निर्भीक होकर अहिंसा से स्वतंत्रता की आवाज बुलंद करते रहे और "कुमाऊँ केसरी" कहलाये । इस तरह मानव जाति को कलंकित करने वाली कुली बेगार प्रथा का अंत हुआ ।
कुमाऊं केसरी बदरी दत्त पांडे जी 7 वर्ष तक अलग- अलग जेलों में बंद रहे । 1937 में उन्होंने "कुमाऊँ का इतिहास" पुस्तक लिखी । वे संयुक्त प्रांत के सदस्य, जिला परिषद के सदस्य, केंद्रीय एसेम्बली सदस्य तथा लोकसभा के सदस्य रहे । 13 जनवरी 1964 को 83 वर्ष की उम्र में उनका देहावसान हो गया । वे एक निर्भीक पत्रकार, कुशल प्रशासक और जन प्रिय नेता थे । उनके नाम से नैनीताल में एक अस्पताल और बागेश्वर में पोस्ट ग्रेज्युएट कॉलेज है । हम ऐसे महामानव को उनकी 138वीं जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।
15 फरवरी 2020 को दिवंगत पांडे जी की जयंती गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली में उत्तराखंड फिल्म नाटक संस्थान (ufni ) द्वारा आयोजित की गई । इस अवसर पर सर्वश्री धीरेन्द् प्रताप सिंह, हरिपाल रावत, गंभीर सिंह नेगी, खुशहाल सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह भंडारी, आर पी ध्यानी, प्रदीप वेदावाल, सुश्री संयोगिता ध्यानी (संस्था की अध्यक्ष ) , कुसुम चौहान आदि मुख्य वक्ता थे । विचार गोष्ठी के बाद कुमाउनी - गढ़वाली कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें मुख्य कवि थे सर्वश्री पूरन चन्द्र कांडपाल, दिनेश ध्यानी, रमेश घिल्डियाल, पायस पोखड़ा, मदन मोहन डुकलान और सुश्री विजय लक्ष्मी भट्ट । सुश्री प्रेमा धोनी, चंद्रकांता शर्मा, मधु बेरिया साह, लक्ष्मी शर्मा, अनिल पंत, जी पी एस रावत, ढौंढियाल जी, जगनमोहन रावत सहित कई गणमान्य व्यक्ति एवम् संस्था के कलाकार सदस्य इस जयंती समारोह में मौजूद थे । सभी वक्ताओं एवम् कवियों ने अपने शब्दों में अमर स्वतंत्रता सेनानी कुमाऊं केसरी पंडित बदरी दत्त पांडे जी का स्मरण किया और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की । समारोह का संचालन वरिष्ठ मंच कलाकार व उद्घोषक बृज मोहन शर्मा ने किया । इस अवसर पर कुमाऊनी - गढ़वाली भाषा के काव्य पाठ आयोजन हेतु हम संस्था को साधुवाद देते हैं ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
16.02.2020
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