Wednesday 11 December 2019

Uphaar cinema agni kaand 1997 : उपहार सिनेमा अग्नि कांड 1997

खरी खरी - 533 : उपहार सिनेमा अग्निकांड 1997

        लालच, भ्रष्टाचार और कानून की अवहेलना के कारण हुआ उपहार सिनेमा अग्निकांड की दिल दहला देने वाली घटना हुई । 22 बरस पहले 13 जून 1997  को दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में 'बॉर्डर' फिल्म देखने के दौरान लगी भीषण आग में 59 लोगों की जान चली गई थी और 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे। इस भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस हादसे में अपनों को खोने वाले आज भी जिंदगी और मौत में फ़र्क नहीं कर पाते, क्योंकि इस हादसे ने उन्हें अंदर तक खामोश कर दिया ।

   इस अग्निकांड में किसी ने अपना जवान लड़का खोया तो किसी ने अपनी जवान लड़की। सच तो यह है कि इस आग में न केवल 59 लोगों की जान गई थी, बल्कि उनके परिजन आज भी तिल-तिलकर मरने को मजबूर हैं। पीड़ित परिजनों की आंखें कल्पना मात्र से ही नम हो जाती हैं । कुछ मां-बाप तो ऐसे हैं, जो आज तन्हाई में अपनी जिंदगी की आखिरें शाम गुजार रहे हैं और मौत का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आज उनके पास न तो जीवन जीने का कोई सहारा है और न ही कोई मकसद। ऐसे एक नहीं,बल्कि कई लोग हैं, जिनका पूरा परिवार ही इसमें तबाह हो गया।

      दरअसल शो के दौरान सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर कक्ष में आग लग गई, जो तेजी से अन्य हिस्सों में फैली। सिनेमा हाल धुंए से भर गया । घटना की जांच के दौरान पता चला था कि सिनेमाघर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। यह भी बताया जाता है कि बॉर्डर फिल्म देखने के लिए अतिरिक्त कुर्सियां गैलरी और दरवाजों के पास रख दी थी।  अंधेरे के कारण लोग रास्ता टटोलते रह गए और रास्ता बंद होने के कारण बाहर नहीं निकल सके । लालच, भ्रष्टाचार और कानून की अवहेलना से 59 जानें दम घुटने के कारण मौत के मुंह में समा गईं । पता नहीं कितने सिनेमाघरों ने इस मानवजनित कांड से सबक सीखा होगा ?

      18 वर्ष बाद इस काण्ड का न्याय हुआ जिसमें 16 लोगों को 2 - 2 वर्ष की सजा हुई और बिल्डर अंसल भाइयों पर 30 - 30 करोड़ रुपए का जुर्माना हुआ । यह मुकदमा पीड़ितों के संगठन द्वारा लड़ा गया । ऐसा ही एक दर्दनाक अग्निकांड  8 दिसंबर 2019 को अनाजमंडी दिल्ली की अवैध फैक्ट्री में हुआ जिसमें  43 मजदूर दम घुटने से मर गए और कई घायल हो गए । जांच चल रही है । यहां भी भ्रष्टाचार के खूनी हाथ ही कातिल बताए जा रहे हैं ।

पूरन चन्द्र कांडपाल
12.12.2019

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