खरी खरी - 536 : इंसाफ के लिए रोती निर्भया की मां
" 16 दिसंबर 2012 की रात मेरी बेटी के साथ हैवानियत हुई ।उसके बाद पूरा देश इंसाफ की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आया ।मगर आज 7 साल के बाद भी नरपिशाचों को सजा नहीं मिली । बेटी के जाने के बाद हम पूरी तरह टूट गए । उसकी तकलीफ और तड़फ को याद कर हम कांपने लगते हैं । विगत 7 वर्ष से हम सिसकियां भरते हुए कराह रहे हैं । हमने इन सात वर्षों में कोई भी त्यौहार नहीं मनाया । हम निर्जीव होकर जीवित हैं और बिलखते रहते हैं । हमारे घर का हर कोना उसे याद करके रोता है ।"
निर्भया की मां इंसाफ के लिए विगत 7 वर्षों से गुहार लगाते हुए कहती हैं, "मेरी बेटी के साथ 6 नरपिशाचों द्वारा जघन्य अपराध किए जाने के बाद कानून तो बना परन्तु उसकी कोई तय समय सीमा नहीं है जिसका दोषियों ने खूब फायदा उठाया । इतने समय तक उन्होंने अपील नहीं की तो अब अपील का अधिकार समाप्त होना चाहिए था । अपराधियों को इसी कारण कानून का डर नहीं है और दुष्कर्म के केस बढ़ते जा रहे हैं । छोटी बच्चियों का भी रेप हो रहा है और उन्हें मार दिया जाता है । आज सबसे जरूरी है कि एक तय समय सीमा के अंदर सुनवाई हो और उसका अतिशीघ्र क्रियान्वयन हो । मुझे उम्मीद है मेरी बेटी की आत्मा को कानून में समय सीमा तय होने और सजा का शीघ्र क्रियान्वयन से शांति मिलेगी ।"
पूरन चन्द्र कांडपाल
17.12.2019
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