Sunday 16 September 2018

Kursi mein kumauni : कुर्सी में कुमाउनी

मीठी मीठी - 163 : कुर्सी में 'कुमाउनी भाषा'

      बेई 16 सितम्बर 2018 हैं सुप्रसिद्ध लोकगायक, गीतकार और कवि हीरा सिंह राणा ज्यू 75 वर्षक है गईं और हिंदी भवन नई दिल्ली में 'पहाड़' और कुछ अन्य संगठनों द्वारा उनर हीरक जयंती समारोह मनाईगो । पिछाड़ि 55- 60 वर्ष बटि राणा ज्युकि कुमाउनी भाषा -साहित्य पर  समारोह में करीब आदू दर्जन वक्ताओंल चर्चा करी । राणा ज्यूक रचना संसार और जीवन संघर्ष भौत ठुल छ । उनूल 9 रसों में देशप्रेम, श्रृंगार, प्रेरणादायी, विरह, भक्ति, उत्तराखंड और संदेशात्मक भौत गीत- कविता लेखीं । उनुहैं हम आपणि संस्कृति और भाषाक धरोहर लै कै सकनूं ।

       कार्यक्रम में जब राणा ज्यू मंच में ऐ बेर कुर्सी में भैटीं तो उनूल बड़ि कृतज्ञताक साथ भाव-विभोर है बेर कौ, "आज य कुर्सी में हीरा सिंह राणा नि भै रय, य कुर्सी में 'कुमाउनी' भै रै ।" उनूल भौत विनम्रताक साथ कौ, "आज मिकैं जो लै लोग जाणनी- पछ्याणनी सिर्फ और सिर्फ म्यार कुमाउनी गीत और कविताओंक और हमरि भाषाक वजैल पछ्याणनी ।"  राणा ज्यूल भरी सभागार में मौजूद सब दर्शकोंक आभार जता । सभागार में भैटी सब दर्शकोंल राणा ज्यू कैं शुभकामना देते हुए उनर दीर्घ जीवन की हार्दिक कामना करी ।

     राणा ज्यूक बार में सबै वक्ता हिन्दी में बलाईं जबकि उनमें सबै कुमाउनी भाषाक जानकार छी । एक कुमाउनीक गीतकार, लोकगायक, भाषाक मर्मज्ञ पहरू और कविक कृतित्व पर कुमाउनी में चर्चा निकरण, कुमाउनी में वक्तव्य नि दीण कुछ अटपट जस लागौ जबकि सभागार में शत-प्रतिशत दर्शक/श्रोता उत्तराखंडी छी । यूं सब लोग अगर कुमाउनी में बलाना तो भौत भल हुन और हमरि भाषाक कपाव पर बादी मकुट और ज्यादै चमकन ।

        य मौक पर गीत-संगीतकार शिवदत्त पंत ज्यू सहित कुछ कलाकारोंल राणा ज्यूक लेखी भौत सुरिल गीत लै सुणाईं और आखिर में राणा ज्यूल लै लोगों कि फरमैस पुरि करी । राणा ज्यू आज जनमानस में छाई हुई एक महान विभूति छीं । उनर अमुक गीत भल छ अमुक गीत भौत भल छ , यैक विश्लेषण करण आसान न्हैति । आंखरों कि माव बनै बेर गीत- कविता क रूप में हमार बीच में धरणी य सुरोंक सम्राटक लोगोंल भौत जोरैल ताइ बजै बेर स्वागत करौ । सभागार में मौजूद लोगोंल ताइक गड़गड़ाहटक बीच य उम्मीद लै जतै कि राणा ज्यू कैं सरकार द्वारा पद्म सम्मान दियी जाण चैंछ ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
17.09.2018

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