खरी खरी - 516 : पुलिस भरोसा
पुलिस से स्नेह, कर्तव्य और भरोसे की उम्मीद करते हुए एक कुंडली पुलिस को समर्पित करता हूं -
कैसा अब माहौल बना
पुलिस भरोसे कौन,
स्तुत्य दुर्जन बन गया
रह गया सज्जन मौन,
रह गया सज्जन मौन
पुलिस पर विश्वास नहीं है
जनता है सुरक्षित
ऐसी आस नहीं है,
कह 'पूरन' हे पुलिस जन
विश्वास जगा दे ऐसा,
मिटे सकल अपराध
किसी को फिर डर कैसा ?
पूरन चन्द्र काण्डपाल
18.09.2020
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